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मुझे रण्डी बनना है ( sexy story )

मुझे रण्डी बनना है ( sexy story )

बीते दिनों की बात है, मैं हमेशा की तरह ट्रेन में सफ़र कर रहा था, बारिश के कारण ट्रेन में भीड़ नहीं थी। एक डिब्बे में सिर्फ 5-6 लोग अलग अलग बैठे थे। मैं छुप-छुप कर सेक्सी कहानयों वाली किताब पढ़ रहा था और उस पर मैंने एक कवर चढ़ा रखा था जिससे किसी को पता न चले। मेरे बाजू वाली सीट खाली थी।
मैंने किताब बंद करके सीट पर रखी और बाथरूम की तरफ चला गया।उतने में मुगलसराय स्टेशन आया, ट्रेन रुकी, तब मुझे बाथरूम में ही किसी यात्री के ट्रेन में चढ़ने की आवाज सुनाई दी। वापस आकर मैंने देखा कि एक आदमी मेरे बाजू वाली सीट पर बैठा है, साथ में एक औरत भी थी।
साली क्या सेक्सी लग रही थी ! मेरी किताब पढ़ रहा था वो और उसमें से कुछ नंगी तस्वीरें अपनी बीवी को दिखा रहा था। मैं शर्म के मारे पानी पानी हो गया, सोचा कि क्या समझ बैठेगा मेरे बारे में ! उसने मुस्कुरा कर कहा- यह आपकी है? इससे बढ़िया मैं अपनी सच्ची कहानी सुनाता हूँ, सच्ची कहानी सुनोगे तो पागल हो जाओगे, जो अभी-अभी 2 हफ्ते भुगती है।
उसने अपने बारे में बताया कि :
यह मेरी बीवी सुनीता है और मेरा नाम है सुजीत..
उसने अपना कहानी का दौर शुरू किया.
सुजीत- अभी अभी मैं और सुनीता कुल्लू-मनाली, शिमला और आखिर में दिल्ली घूमने के लिए गये थे और शिमला में बहुत खर्च हुआ, सोचा कि दिल्ली में सस्ते में घूमेंगे, सस्ता खाएंगे और सस्ते होटल में रहेंगे पर दिल्ली उतरते ही जेब कट गई। सोचा कि अब कैसे होगा ? कैसे भी करके घूमना ही है।मैंने शर्म के मारे किसी से या अपने घर से पैसे नहीं मंगवाए। सोचा कि मेरा मजाक बन जाएगा। तभी मेरे दिमाग में एक शैतानी बात आई कि दुनिया में एक ही चीज कहीं पर भी बिक सकती है, वो है औरत का जिस्म, उसके लिये ग्राहक सामने आ ही जाते हैं।
वो आगे कुछ बोलता, उसके पहले उसकी बीवी सुनीता बोली- औरत का जिस्म ऐसा है कि कोई रोक नहीं कमाने के लिए ! सब भूखे ही होते हैं, इसलिए मैंने उनको कहा कि कोई जगह ढूँढो जहाँ यह सब चलता हो। तुम्हें ताज्जुब होगा मगर मैं जबसे जवान हुई तबसे मुझे रंडियों के बारे में जानने का शौक था। मुझे कुछ दिनों के लिये रंडी बनकर जी कर देखना था, समाज का डर था और अपने शहर में तो यह मुमकिन नहीं था। मैं जब अपने शहर में घूमने निकलती तो रंडियों के कोठे के पास आते ही नीचे अजीब सी खुजली शुरू होती और मैं सोचती थी कि ये रंडियाँ क्या करती होगी मर्द को अंदर ले जाकर? तभी मेरे साथ वाली सहेली ने मुझे समझाया था कि अंदर ले जाकर मर्द के सुसू करने की चीज को औरत अपने सुसू करने की जगह में लेती है, इसे चोदना कहते हैं, पर कहते हैं यह सब गंदा हैं। मैं तो पागल हो गई थी यह सुनकर ! सच कहूँ तो शादी तक मैंने कभी नहीं चुदवाया, पहली रात मैंने सुजीत को यह बता दिया और शादी के बाद इनसे बहुत चुदवाया पर वो तड़प शांत नहीं हुई और मैं मौका ढूंढ्ने लगी। मैंने शादी के बाद इनको यह बात बताई तो ये बोले- यह मुमकिन नहीं ! और फिर यह मौका हाथ आया।
सुजीत- और मुझे स्टेशन पर ही जी.बी. रोड का एक दलाल मिल गया उसे मैंने दबी आवाज में पूछा कि ऐसी कोई जगह दिखाओ कि जहाँ जिस्मफरोशी बेरोकटोक चलती हो। मैंने अपने विचार उसे बताये तो वो ले गया एक कोठे पर.. दलाल ने मेरी पहचान कराई वहाँ की मालकिन से ! वो बेफिक्र थी, बड़ी सेक्सी थी, 40 की होगी।
दलाल- मौसी, यह देखो, एक आदमी कुछ अजीब काम से आया है।
मौसी- यहाँ पर एक ही काम होता है चोदने का। तुम क्या दूसरा काम लेकर आये हो?
सुजीत- मौसी, मेरी एक समस्या है और वो तुम सुलझा सकती हो।
मौसी- क्या ? ठीक से बात करो।
सुजीत- मौसी कोई कोने में चलते हैं जहाँ तुमसे मैं खुलकर बात कर सकूँ।
मौसी मुझे ऊपर वाले कमरे में ले गई, वहाँ रंडियाँ तैयार हो रही थी। उसका कोठा किसी होटल से काम नहीं था, साफ़ सुथरा था और 6-7 कमरे थे जिसमें बड़े पलंग थे और दीवारों पर ग्राहकों को उकसाने वाली नंगी तस्वीरें थी।
मौसी- ए लड़कियो ! चलो बाहर जाओ ! मुझे इससे ख़ास बात करनी है।
सभी चली गई, एक लड़की खड़ी रही।
मौसी- जाहिदा, तू क्यों खड़ी है? जा 2-4 ग्राहक पकड़ !
जाहिदा- मौसी, तू इसे लेने वाली है क्या? मुझे दे न यह कस्टमर.. साला बहोत मस्त है रे।
मौसी- चल हरामी ! तू जा ! मुझे कुछ बात करनी है !
वो चली गई, जाते जाते मुझे एक गन्दा इशारा कर गई।
मौसी- हाँ, अब बोलो !
सुजीत- मौसी, मैं और मेरी बीवी घूमने निकले थे और दिल्ली आने पर जेब कट गई, पराये शहर में कोई पैसे नहीं देगा और घर से नहीं मंगवाना चाहता हूँ।
मौसी- तो क्या मैं पैसे दूँ तुझे? मैं नहीं देती पैसे ! उसके बदले अपनी बीवी को ले आ, दो दिन धंधा करवा और जो कमाया है उससे घर चले जाना।
सुजीत- हाँ मौसी हाँ ! तुमने बस मेरे मुंह की बात छीन ली ! मैं यही तो कहने आया हूँ और तेरे दलाल को भी बताया था।
मौसी- उस भड़वे ने कुछ नहीं कहा। तुझे यहाँ छोड़ कर चला गया शाम को दलाली लेने आएगा साला।
सुजीत- मौसी, मेरी बीवी की ख्वाहिश भी है कि एक बार रंडी की तरह जी लूँ !
मौसी- क्या बात करता है? ऐसा कभी होता है क्या? क्या उसे पसंद है?
मैं- अरे उसकी तो यह इच्छा है और उसने ही मौके का लाभ उठाना है।
मौसी- अरे इस धंधे में आई हुई तो यहाँ से छूटने की कोशिश करती है। ऐसा तो मैंने कभी नहीं देखा कि किसी आम जिंदगी जीने वाली औरत को रंडी बन कर देखना है?
सुजीत- हाँ मौसी, उसने कई बार यह बताया था और समाज के डर से अपने शहर में तो नहीं कर सकते।
मौसी- हाँ ले आ उसको ! देखूँ तो सही कितना दम है उसमें? धंधे के लायक है भी क्या? छाती छोटी नहीं चलेगी, कोई पसंद नहीं करेगा मेरे यहाँ।
सुजीत- अरे मौसी, तू एक बार देख ले ! मौसी तेरी इन रंडियों को पीछे छोड़ देगी।
मौसी- यह बात है तो जल्दी से ले आ ! आज ही उसे रंडी होने का मज़ा देती हूँ, बनने का मज़ा देती हूँ ! तेरी बातों से लगता है कि जितने दिन रहेगी, रंडी बनकर कस्टमर को चूस लेगी साली !
तुरंत मैं स्टेशन पर पहुँचा, सुनीता ने चाय-नाश्ता कर लिया था, मेरी राह देख रही थी। मैंने उसे मौसी के कोठे के बारे में और मौसी के बारे में कहा। वो तो खुश हुई। मैंने उसे बुरका पहनने कहा।.फिर रिक्शे में बैठ कर मैं और सुनीता मौसी के जी.बी. रोड वाले कोठे पर पहुँचे।
मैंने सुनीता को बुरका पहनाया था.. आजू-बाजू की औरतें धंधे पर खड़ी थी और ग्राहक का इन्तजार कर रही थी, वो कुछ अजीब नजरों से हमें देख रही थी, सोच रही होंगी कि और एक औरत रंडी बन गई क्या?
हमने अपना सामान उतारा और कोठे के अन्दर चल दिए।
मौसी ने उसका बुरका उठाया, तुरंत पूरा बुरका निकालने कहा और उसकी छाती दबाकर देखी और गांड पर थपथपाया।
मौसी ने खुश होकर कहा- साली मस्त रांड बनेगी !
सुनीता- मैं सिर्फ 4-5 दिन के लिए आई हूँ, मुझे भी यह जिंदगी जी कर देखनी है।
मौसी- अच्छा चलो, थोड़ा फ्रेश हो जाओ और कुछ खा लो तुम दोनों !
मौसी ने होटल से बढ़िया खाना मंगवाया, खाते खाते बातें होने लगी।
मौसी- साली, तुझे यह रंडी बन कर जीने का कैसे सूझा?
सुनीता- जब से मेरी एम सी चालू हुई। एक बार मैंने पड़ोस में मिया बीवी को लिपट कर सोये हुए देखा और हमारे शहर में भी रंडी बाज़ार है, उसे देखकर यह लालसा हुई। मैंने सहेली से सुना तो था ही कि चोदना क्या है? मुझे अनजान लोगों से खूब चुदवाना है और आम जिंदगी में यह नहीं कर सकती और सुजीत को भी नई-नई औरतों के साथ चोदना अच्छा लगता है।
मौसी- साले, तुम दोनों रांड और भड़वे ही हो ! मज़ा आएगा ! सुनो हर ग्राहक पर मुझे 200 रु. कमीशन देना होगा और तू ग्राहक से 500 रु. से कम मत लेना। मेरे यहाँ सब रईस आते हैं। जाहिदा, इसे ले जाकर सब सिखा दे।
जाहिदा- चलो दीदी, सब सिखाती हूँ।
और दोनों ऊपर चली गई, मैं मौसी के पास बैठा था।
मौसी- क्या नाम है रे ? तेरा और तेरी बीवी का?
मैं- सुजीत और बीवी का सुनीता।
मौसी- मैं तुम्हें राजू बुलाऊंगी जिससे तेरी पहचान छिपी रहे।
सुजीत- हाँ यह भी सच है।
मौसी- तेरी बीवी को सीमा बुलाऊंगी।
मैं- चलेगा !
मौसी- कोई गड़बड़ नहीं चाहिए, नहीं तो मार-मार कर भुरता बना दूँगी और बिना औरत जाना पड़ेगा।
मैं- क्या मौसी? मैं और बीवी खुद आये और तुम्हें विश्वास नहीं है?
मौसी- ठीक है, यहाँ गाली गलोच तो चलती रहती है, वो भी सहना पड़ेगा।
मैं- क्या मौसी, मुझे मालूम है, गाली बगैर कोठे की इज्जत नहीं ! हमें तो बस मजा करना है और पैसे कमा कर दिल्ली देख कर घर लौटना है।
मौसी- यह हुई न बात ! चल तुझे भी चोदने का मज़ा चखा देती हूँ।
मौसी ने एक सेक्सी मगर थोड़ी सांवली लड़की को बुलाया और :
मौसी- ए सुशी ! ये देखा जो नई रांड आई है, उसका भड़वा है यह ! जब तक जाहिदा उसको तैयार कराती है तब तक तू इसको चढ़वा। पूरा मजा दे !
मैं- क्या मौसी? अभी बनी नहीं, उसके पहले उसे रांड मत बोल ! अच्छा नहीं लगता।
मौसी- अरे अभी एकाध घण्टे में बन जायेगी, ऐसे रंडीपन करेगी कि घर जाना नहीं चाहेगी। तुझे मालूम है कितनी भी गाली खायेगी पर धंधा नहीं छोड़ेगी ! बिना मेहनत पैसे मिलते हैं. बाहर की जिंदगी में? कोई मुफ्त में चोद लेगा और तुझसे यह बात छुपी रहेगी। उससे बेहतर है कि तेरे सामने उसके अरमान पूरे हों !
सुशी ने नखरीले अंदाज में मुझे बाहों में लपेटा और मेरे कमर पर हाथ डाल कर ले गई। उसने बिन बांह का नीला ब्लाउज और नीली साड़ी पहनी थी।
सुशी- चलो राजा जी, अब तुम्हें भी मज़ा दे दें ! एड्स तो नहीं न हुआ?
मैं- न, नहीं, क्यों?
सुशी- मैं तुमसे बिना निरोध के चुदवाना चाहती हूँ ! देखो, आज सब तरह से मजे करवा दूँगी ! तुम क्या दोगे? तुम्हारी बीवी अब हम जैसे धंधा करेगी तो वो हमारी दीदी और आप उनके मर्द हो इसलिए आप हमारे जीजाजी !
मैं- चलो पहले देखने दो कि क्या कर सकती हो ? मेरी साली जी !
कमरे जाती ही वो मेरे गोद में बैठ गई और उसने मुझे चूम लिया। उसने एक एक करके मेरे सारे कपड़े उतार दिए और खुद कपड़ों में मेरी गोद में बैठ गई। उसने मेरे छाती के बालों के साथ खेलना शुरू किया और थोड़ी ही देर में मेरे लौड़े पर हाथ पहुंचा दिया। मैंने उसकी पीठ पर हाथ फेरा और धीरे से उसकी गेंदों को दबा दिया।
वो सिसक उठी।
मैंने उसकी गांड पर साड़ी में से हाथ फेरा तो पता चला कि उसने चड्डी ही नहीं पहनी थी।
मैं- सुशी, तुम चड्डी नहीं पहनती?
सुशी- नहीं ! क्योंकि यहाँ सब फटाफट चोदने के लिए आते हैं ! जीजू तुम आराम से चोदो, देखूँ कि तुम में कितना दम है?
मैं- तुम थक जाओगी मेरे लौड़े से ! पर मैं नहीं थकने दूंगा तुम्हें ! जब तक सीमा (सुनीता) तैयार नहीं होती, मैं खेलूंगा तुम्हारे भोसड़े मुंह और गांड से।
सुशी- बस अब मुझे नंगी कर दो !
मैंने उसके कपड़े उतारे तो पता चला कि क्या मस्त जिस्म था उसका !
मैंने बिना सोचे उसके भोसड़े में जीभ डाल दी, यह भी नहीं याद रहा कि यह एक धंधे वाली का भोसड़ा है।
मैं- सुशी, तुम्हें तो एड्स नहीं हुआ न?
सुशी- जीजू, मैं 6 महीने से आई हूँ, मुझे भी दीदी जैसे शौक है और इस पूरे मोहल्ले में मौसी जैसा कोठा कोई नहीं ! यहाँ सिर्फ नामी लोग आते हैं जो अपनी पहचान छुपाना चाहते हैं। पर एकदम साफ़ सुथरी औरत चाहते हैं, सो मौसी ने एक डॉक्टर को रखा हुआ है, वो हम सबकी चेकिंग हफ़्ते में एक बार करता है। मेरी चेकिंग कल ही हुई है और मैं तंदरुस्त हूँ।
यह सुनकर मैं खुश हुआ और मैंने उसके भोसड़े में दुबारा जीभ डाल दी। सुशी ने दोनों जांघों में मेरा सर दबा दिया, वो गर्म हो रही थी।
सुशी- जीजू, मेरी दीदी के भड़वे ! चूसो मेरा भोसड़ा ! जोर से चूसो ! बहुत अन्दर तक चूसो।
करीब 15 मिनट में उसका पानी छूट गया। मैंने उसे अपना लौड़ा चूसने को कहा तो-
सुशी- जीजू, तुम 4 दिन तक यही हो तो बारी बारी मजे करेंगे। अभी मुझे थोड़ा धंधा करने दो।
इतना कहकर कपड़े पहनकर वो चली गई। बाहर आकर देखा तो सुनीता रंडियों के जैसे मेकअप करके बैठी थी, उसने किसका लो-कट टाईट बिना बाहों वाला कुरता पहना था और हाफ-पेंट पहनी थी। और एकदम लाल रंग की लिपस्टिक लगाई थी। मैं दंग रह गया उसे देख कर !
मेरे पीछे से मौसी ने आकर कहा- क्यों राजू ? लग रही है न टॉप क्लास?
मैं- क्या?
मौसी- अरे भड़वे ! रंडी लग रही है न? पहला दिन है तो बस एक ही ग्राहक ! साली रोज कम से कम पाँच ग्राहक लेगी तो 500-1000 के हिसाब से 2500- 5000 रूपए कमाएगी। अब तू कोने में बैठ कर देख कि तेरी घरवाली कैसे कस्टमर को पटाती है।
मौसी ने सुनीता के पास जाकर कहा- देखो, हर चीज के दाम लेना ! सिर्फ चोदने के 500 रूपए, छाती खोलकर गेंद दबाने के 250 रु. अलग ! और मुंह में लौड़ा लेने के 500 अलग ! और सारा काम करना है तो 1250 रु. होते हैं पर तू कम से कम 1000 रुपए तो लेना ही ! बिल्कुल कम मत करना। यहाँ दया नहीं पैसा चाहिए और सुन कोन्डोम जरूर चढ़ाना। और जब तक तू यहाँ है तब तक तेरे मर्द के साथ नहीं सोएगी, आज तेरे लिए मैं कस्टमर ढूढूँगी।
सुनीता- बहुत अच्छा ! मौसी जरा कसदार और मालदार ही पकड़ना !
मौसी- मेरे यहाँ सब ऊँचे लोग ही आते हैं।
कोने में खड़ी जाहिदा ने मेरी ओर देख कर एक फ्लाईंग किस दी। यह देख कर सुनीता हस पड़ी। मैं तो सुनीता को तुरंत चोदना चाहता था, मैं उससे बात करने ही वाला था कि उतने में एक युवक आया तो मौसी बोली- आओ आओ ! बहुत दिन बाद? क्या कोई तकलीफ?
युवक- नहीं यार ! दफ्तर में काम था और बॉस छोड़ता ही नहीं था तो फिर थक हार कर घर जाकर सो ही जाता था।
मौसी- कोई बात नहीं ! देखो कोई पसंद है?
युवक- मौसी, यह नई कौन है? साली मस्त लग रही है।
मौसी- यह सीमा है, यह शौक से रंडी बन रही है, यह नई रंडी है। वैसे है पुरानी पर इस शहर में नई आई है।
युवक- बस यही चाहिए मौसी ! पूरे 2000 दूँगा।
मौसी- नहीं यह काम उसका पहला है और मुहूर्त 5000 रुपए होगें !
युवक- मौसी, इतने नहीं हैं ! 4000 रुपए रखो ना !
मौसी- चल ठीक है, तू पुराना ग्राहक है।
युवक- चल मेरी नई नवेली रंडी रानी !
इतना कह कर वह सुनीता(सीमा) को हाथों में उठाकर कमरे में ले गया..
सुनीता सच में घबराई हुई थी क्योंकि पहली बार रंडी जो बनी थी।
मौसी- देखा राजू, तेरी बीवी का कमाल? आते ही 4000 रुपए कमा लिए। आज और सिर्फ दो कस्टमर मिलते ही उसको आराम से रहने दे ! राजू, तू चल मेरे कमरे में ! देख वहाँ से कि कैसे चुद रही है तेरी बीवी ! मैंने हर एक कमरे में कैमरा फिट किया है जिससे कस्टमर और रंडियों पर नजर रख सकूँ।
हम मौसी के कमरे में पहुंचे आलीशान कमरा था और ए सी भी लगा था। मौसी ने सिगरेट जलाई, बड़ी सेक्सी लग रही थी, उसकी उम्र 40 साल से ज्यादा नहीं होगी। उसने सी.सी.टी.वी. चालू किया और हर कमरे का नजारा दिखाई दिया। जाहिदा के पास भी कस्टमर आ पहुँचा था और वो उससे भाव-ताव कर रही थी। दूसरे कमरे में सुशी के ऊपर कस्टमर चढ़ा था, वो पूरी ताकत लगा कर चोद रहा था। तीसरे कमरे में सुनीता और वो युवक पहुँचे और सुनीता ने उससे पैसे लिए और बाहर जाकर अपने पेटी में रख दिए। इस बीच युवक ने शर्ट निकाली और जांघिए में बैठ सुनीता का इन्तजार करने लगा।
सुनीता के आते ही उसने सुनीता के पीछे जाकर उसके गेंद दबा दिए। इस पर सुनीता ने उसका लौड़ा हल्का सा दबा दिया और कस कर चुम्मी ली।
यह देखकर मौसी बोली- साली बड़ी शरारती है रे तेरी बीवी?
तीसरे कमरे में सुनीता और वो युवक पहुँचे और सुनीता ने उससे पैसे लिए और बाहर जाकर अपने पेटी में रख दिए। इस बीच युवक ने शर्ट निकाली और जांघिए में बैठ सुनीता का इन्तजार करने लगा।
सुनीता के आते ही उसने सुनीता के पीछे जाकर उसके गेंद दबा दिए। इस पर सुनीता ने उसका लौड़ा हल्का सा दबा दिया और कस कर चुम्मी ली।
यह देखकर मौसी बोली- साली बड़ी शरारती है रे तेरी बीवी? मस्त रांड है साली ! इसको यहीं रहने दे 1-2 साल !
मैं- नहीं मौसी। मेरी गृहस्थी टूट जायेगी। रांड मत बोल न ! अच्छा नहीं लगता।
मौसी- तो क्या यह पूजा कर रही है? रांड का धधा कर रही है तो रांड ही बोलूंगी न? और वो देख कैसे खुश हुई रंडी बनकर ! मैं भी ऐसी खुश हुई थी पहला कस्टमर लेकर ! और मैंने तुझे पहले कहा था कि गाली-गलोच तो होगी, सहना पड़ेगा। इतना दुखता है तो तू भी पानवाले के यहाँ खड़ा रह कर या सड़क पर से कस्टमर लाकर भड़वा बन न। बड़े बड़े नेता देश को चोदू बनाते हैं तो उनको कोई कुछ नहीं कहता और तेरी बीवी का शौक पूरा हो रहा है तो तुझे बुरा लगा?
मैं- अच्छा मौसी, पहले तो वो घबराई थी फिर कैसे हिम्मत खुली?
मौसी- सभी रंडियों के साथ यही होता है ! पहले दिन लौड़ा भोसड़े में डलवाते हुए मेरा हाथ कांप रहा था तो कस्टमर ने खुद डाला और पूछा था कि क्यों? डर लगता है?
मैंने हाँ कहा तो हंस पड़ा था। शाम तक देख तेरी बीवी कैसे मस्त लौड़े लेने लगेगी। जहिदा ने तो 3 दिन तक धंधा किया फिर भी डरती थी। अब देख कैसी शरारती हो गई है, उसी ने तेरी बीवी को तैयार किया तो उसका डर भाग गया होगा।
इधर सुनीता ने आहिस्ता से युवक का जांघिया निकाल दिया। इस पर युवक ने सुनीता की पैंट निकाली और सुनीता के कुरते को ऊपर करके उसकी पेंटी में हाथ डाला और बोला- अरे, बड़ा गर्म है यह भोसड़ा ! डरना मत ! दो घंटे के लिए तेरी मरम्मत करूंगा !
इतना कहकर उसने सुनीता की पेंटी निकाल दी और सुनीता ने अपने हाथों से कुरता निकाला और पूरी नंगी हो गई। साली ने ब्रा नहीं पहनी थी, लगता है यह सब जाहिदा का सिखाया था।
युवक ने सुनीता को पलंग पर बिठा कर उसके भोसड़े में जीभ डाल दी और मुंह से चोदने लगा। थोड़ी देर बाद उसने सुनीता को मुंह में लौड़ा लेने को कहा। सुनीता ने उसे कोंडोम पहनने को कहा। वो तैयार नहीं था पर आखिर मान गया।
फिर सुनीता ने कस कर उसके लौड़े को पकड़ा और मुंह में डाल कर लॉलीपोप की तरह चूसने लगी, और वो बेकाबू हो गया, उसने झट से पलट कर 69 की पोजिशन ली और लगे एक दूसरे का लौड़ा-भोसड़ा चाटने !
करीब 20 मिनट बाद उन्होंने आसन बदला, सुनीता को अपनी तरफ मुंह करके गोद में बैठने कहा, आहिस्ता से लौड़ा भोसड़े में घुसेड़ दिया और सुनीता को ऊपर-नीचे होने को कहा।
सुनीता को बड़ा मजा आ रहा होगा ऐसा उसके चहरे को देख कर लगता था।
उन्होंने पुनः आसन बदला, युवक ने उसको सीधा लिटाया और थोड़ा टेढ़ा होकर पीछे लेट कर उसके भोसड़े में पीछे से लौड़ा डाल दिया और धक्के देने लगा।
मैंने तो ऐसे कभी सुनीता को चोदा ही नहीं था और यह बंदा बड़ी मस्ती से चोद रहा है। थोड़ी देर बाद उसने उसको घोड़ी बनाकर पीछे से चोदा और आखिर में सीधे लिटा कर उस पर चढ़ कर चोदने लगा। जैसे ही उसका पानी छूटा तो झट से सुनीता ने उसको अपनी टांगों से लपेट लिया।
वो दोबारा लौड़े को तैयार कर रहा था।
इतने में मौसी बोली- चलो बन गई तेरी बीवी रंडी ! क्योंकि पराए मर्द का लौड़ा लेना सीख लिया, अब इसे कुछ नहीं सिखाना पड़ेगा। अब तू भी भड़वाई सीख ले अब्दुल से ! मास्टर है एकदम ! राजू चल अब नीचे चलते हैं।मौसी ने मेरे कमर में हाथ डाल कर मुझे नीचे ले गई, वहाँ नए कस्टमर आकर बैठे थे।
मौसी- आओ आओ ! बैठो, थोड़ी देर अभी आती होंगी ग्राहक निपटा कर। क्या तुम्हें ये रीना और नीला नहीं चलेगी?
पहला ग्राहक- मौसी, हमें जूली चाहिए।
मौसी- नहीं रे ! वो बीमार है और डोक्टर के पास गई है। नीला के साथ बैठ जा ना?
पहला ग्राहक- मौसी, वो बहुत अकड़ कर बात करती है !
मौसी- नीला, यहाँ आ ! क्या री? तू इनको अकड़ दिखाती है? देख साली, नई आई हुई सीमा झट से ग्राहक को लेती है।
दूसरा ग्राहक- मौसी हमें भी तो दिखाओ।
मौसी- 5000 रु. है तेरे पास? आज अगर चोदना है तो इतने देने होंगे क्योंकि अभी उसका पहला कस्टमर बैठा है।
दूसरा ग्राहक- मौसी, पहले देखने तो दो।
इतने में सुनीता उस कस्टमर के साथ बाहर आ गई।
युवक- मौसी बहुत दिनों बाद इतना मज़ा आया। पैसे वसूल ! कल फ़िर आऊँगा।
मौसी- यह सिर्फ 4 दिन यहाँ है ! आ जाना उसके पहले !
युवक- क्यों मौसी, यह यहाँ नहीं रहेगी?
मौसी- नहीं रे ! यह तो मेहेमान है मेरी ! उसका धंधा तो कलकत्ता, मुंबई और लखनऊ में चलता है। यह तो मेरे कहने पर धंधे पर बैठी !
मौसी ने झूठ बोलकर बाजी सम्हाली।
पहला ग्राहक- मौसी, मैं इसके लिए 3000 दूंगा ! बोलो है मंजूर?
मौसी ने सीमा को आँख मारी और- क्या री? सीमा चलेगा?
सुनीता- अरे भड़वे, नई फसल चखनी है तो और 5000 रु. ढीले कर ना?
मैं तो उसके मुंह से ऐसी रंडी वाली भाषा सुनकर दंग रह गया। साली पूरी रंडी ही बन चुकी थी। बड़े बेफिक्र होकर पैंट से सिगरेट निकाली और जला कर कश लेने लगी। उसके सामने धुंआ फेंका और उसके शर्ट को पकड़ा।
सुनीता- चलता है क्या ? नहीं तो भाग यहाँ से..
वो उठकर चला गया। मौसी थोड़ी गुस्सा होने ही वाली थी कि :
दूसरा ग्राहक- मैं देता हूँ ! चल ! मगर तीन घंटे बैठूंगा और पूरा मज़ा लूँगा।
सुनीता- आ जा मेरे राजा ! बजा दे मेरे भोसड़े का बाजा।
सुनीता ने उसकी बाहों में बांह डाल दी और चल पड़ी चुदवाने।
मौसी- साली बड़ी तेज है ! 4 दिन में 20000 रु. कमा लेगी।
जाहिदा- क्यों जीजू? देखा दीदी का कमाल?
मैं- बड़ी प्यार से रंडी बाजी पे उतर आई ! अब मुझे भी भड़वा बनने की इच्छा हो रही है।
जाहिदा- इसे लाया कौन? तुम ना? अब तुम क्या करोगे? मौसी जीजू को आज मेरे कमरे में सोने देना, मुझे उनका पूरा रस चूस लेना है।
तभी सुशी, नीला और रीना बोली- क्यों? हम नहीं सो सकती क्या? हमें भी देखना है कि जीजू कैसे चोदते हैं।
मौसी- आज की रात जाहिदा के साथ सोने दे ! जाहिदा ने उसकी बीवी को तैयार किया था ! और तुम बारी बारी लेना इस भड़वे को !
मैं- जैसे मौसी बताती है, वो ठीक है, चल मेरी रंडी साली।
जाहिदा- क्या जीजू? तुम गाली देते हो?
मैं- नहीं तो क्या तुम रंडियाँ नहीं हो? मेरी बीवी तो शौक से रंडी बनी है और उसे रंडी बुलाते ही खुश हो जाती है ! है न मौसी?
मौसी- हाँ, साली गजब ढ़ाती है, पिछले जन्म में रंडी ही होगी !
मैं- चलो, सबको गुड नाईट ! और सीमा को बता देना !
रीना, नीला- हाँ, बता देंगे ! मौसी, अब तो वो कस्टमर नहीं लेगी न? तो हमें दे देना।
मौसी- क्या मालूम ? उसकी मरजी !
और वो दोनों कस्टमर की राह देखने लगती हैं.. इतने में 2 कस्टमर आते हैं और 500-500 रु. में ले जाते हैं, दोनों 1/2 घंटे के लिए सौदा कर लेते हैं। दोनों मस्त मज़े करके निकल लेते हैं और फ़िर दोनों ग्राहकों की राह देखने लगती हैं।
नीला- साली, इस सीमा ने धंधा तोड़ दिया !
मौसी- अरे, वो सिर्फ 4 दिन के लिए है, उसका नाम लोगों में पहुँचेगा और नए कस्टमर आयेंगे और तुम्हें ढूंढने नहीं जाना पड़ेगा ! समझी?
रीना- यह बात ठीक है !
सुनीता चुदवा कर बाहर आई, इस बीच रीना और नीलू ने 4 ग्राहक पटाए और बैठ गई टीवी देखने ! टीवी पर राखी सावन्त का शो चल रहा था।
मौसी- साली ये तो हम रंडियों से भी ज्यादा बड़ी रण्डी लगती है। मेरे यहाँ हमेशा के लिये आएगी न तो बहुत माल कमाएगी। सीमा, अब बस कर ! कोइ और को मत लेना, आज पहला दिन है।
सुनीता- हाँ मौसी, आज आराम करूंगी ! कल कोई कस्टमर रात भर के लिए मिलता है तो ले लेना ! अभी तो भोंसड़े की खुजली पूरी नहीं हुई..
मौसी सुनीता की गाण्ड को थपथपाते हुए- हाँ मेरी रण्डी रानी, जो हुकुम ! अब तुम्हारा राज है और 3 दिन ! साली रण्डी बनी है तो मर्द के साथ क्या करेगी? तुम आज मेरे साथ सो जाओगी?
सुनीता- मौसी, मैं अपने मर्द के साथ सोना चाहती हूँ।
मौसी- नहीं, तुम्हें मेरे साथ सोना होगा ! यह बात राजू (मैं) के साथ तय है।
सुनीता- अच्छा, मुझे कोई ऐतराज नहीं, और वो कहाँ सोएँगे?
मौसी- उसकी फिकर मत कर ! वो भी तेरे जैसे मजे करने जाहिदा और नीला के साथ सोने गया है।
सुनीता- वाह, मेरे नाम पर बड़े मजे कर रहे हैं? चलो मौसी, अब कोठे बन्द हो रहे हैं।
मौसी- हाँ चलो।
दोनों कमरे में जाती हैं, मौसी पूरी नंगी हो जाती है।
सुनीता- मौसी यह क्या? ऐसी सोएगी? और मैं?
मौसी- देख, तेरी और मेरी उम्र में फर्क नहीं है तो यहाँ तू मेरी सहेली है और आज दोनों एक दूसरे का आनन्द लेंगे।
मौसी ने इतना कहकर सुनीता को भी पूरा नंगा किया और उसके गेंदें मसलकर चूसने लगी और झट से सुनीता के भोंसड़े में उंगली डाल कर उकसाने लगी। इस पर सुनीता बेकाबू हो गई।
सुनीता- मौसी क्या नाम है तेरा? तो उस नाम से बुलाऊँ?
मौसी- कल्पना ! और मैं एम पी से हूँ ! मेरे मर्द ने धोखा दिया तो मैं सारा माल बटोरकर यहाँ चाली आई। मैं यहाँ एक होटल चालू करना चाहती थी तो एक तेरे जैसी रण्डी ने कहा कि क्या लोगों को सिर्फ खिलाओगी? इसमें कोई कमाई नहीं ! और उसने मुझसे यह कोठा चालू करवाया। शुरुआत में जबरन लाई हुई लड़कियों से धंधा करवाया, फिर एक दिन तीन औरतें अपने मर्द से पीछा छुड़ाकर भागी, मेरे पास आई और कहा कि हमें कैसा भी काम दो, हम करेंगी पर वापस नहीं जाना ! तब से लेकर आज तक मेरे पास उनके और तेरे जैसी औरतें आती रहती हैं.. चल अब मुझे तेरे साथ मजे लेने दे।
सुनीता- हाँ मेरी राण्ड कल्पना ! बस आज मैं और सिर्फ तुम ! मेरे भोंसड़े को अपनी जीभ से चोदो ! और मेरे गेंदों को और चुचूकों को मसल डालो।
मौसी- साली, इतने साल में तूने ही मुझे रण्डी कहने की हिम्मत की है, आज मैं तुझे बराबर चोदूँगी।
थोड़ी देर बाद दोनों 69 की अवस्था में आ गई और एक दूसरे का भोंसड़ा चाटने लगी। दोनों चरम सीमा पर पहुँच गई। तभी मौसी ने बेड के नीचे से रबर का इम्पोर्टेड लौड़ा निकाला और उसको थोडा चाट कर आहिस्ता से सुनीता के भोंसड़े में घुसा दिया।
सुनीता- मौसी डाल दो, अक्खा लौड़ा अन्दर डाल दो, बहुत भूख लगी है।
थोड़ी ही देर में सुनीता झर गई और फिर मौसी की गेंदों को मसलने के साथ चुचूक चाटने लगी। अब बारी मौसी की थी, मौसी ने अपने हाथों से लौड़ा घुसेड़ दिया और थोड़ी देर बाद शांत हो गई। दोनों सुबह उठी और कपड़े पहन कर नहा धोकर धंधे के लिए तैयार होने में जुट गई।
मौसी- सीमा, मैंने अपने एक ख़ास कस्टमर को तेरे लिए सोच रखा है आज दिन भर के लिए ! तू और मैं उससे चुदावायेंगे ! सारा कामकाज राजू और जाहिदा को सौंप देंगे, वो लोग देख लेंगे। वैसे जाहिदा और राजू की अच्छी जमती है, देख आज एक मस्त मालदार कस्टमर आने वाला है, आज तू, मैं बताती हूँ, वो कपड़े पहन ! मेरे पास दो मुलायम कपड़े की सेक्सी टाईट हाल्फ पैंट और एक बिना कंधे का टीशर्ट है और एक माइक्रो-मिनी स्कर्ट है, बोल तू क्या पहनेगी?
सुनीता- कल्पना, मैं तो माइक्रो मिनी स्कर्ट पहनूँगी, उसमें मेरी जांघें और ककड़ी जैसी टाँगें खूब खिलेंगी।
मौसी- हाँ, मैं पैंट और टी-शर्ट पहन लूँगी।
सुनीता- कल्पना ! नहीं मौसी ! कितने पैसे हम दोनों को देगा वो?
मौसी- तू मुझे कल्पना ही बोल ! और हमें 10000 रु. मिलेंगे, आधे तेरे आधे मेरे ! यह मेरा ख़ास कस्टमर है, सारी कोठेवालियाँ अपने दलालों के जरिये उनके पास जाने की सोचती हैं पर वो सिर्फ मेरे पास आता है।
सुनीता- उससे पहले कोई छोटा-मोटा कस्टमर ले लूँ क्या?
मौसी- नहीं ! एकदम साफ़ सुथरी और सेक्सी रह ! आते ही उसे गेंद दबाने की बहुत आदत है ! तो गेंद एकदम ब्रेज़ियर में टाईट बाँध के रख और मेरा इशारा मिलते ही उसके पास जाकर उसे चूम लियो !
इतना कहकर दोनों तैयार होने में लग जाती हैं। मौसी ने बहुत दिनों बाद पैंट और टी-शर्ट पहनी थी और सुनीता मिनी स्कर्ट पहन कर बाहर आई तो बाकी रण्डियों नीला, जूली, सुशी और खुद मौसी ने ताली बजा कर दाद दी।
नीला- मौसी, साला यह जीजू तेरे कोठे की रौनक बढ़ा कर जाएगा ! ऐसा माल लाया है, साली राण्ड ! क्या लगती है ! देख न उसकी छाती तो मानो दो बम्ब लिए बैठी है ! और जांघें तो एकदम मस्त !
मौसी- बस अब तुम अपने कस्टमर सम्भालो ! मैं और सीमा एक कस्टमर की गोद में रहने वाली हैं पूरे दिन..
जूली- आज कस्टमर के दोनों हाथों में और मुँह में लड्डू है ! एक मौसी और एक सीमा ! साला हमारे हाथ नहीं आता !
मौसी- चलो अपने अपने धंधे पर ! अभी वो आ जाएगा !
इतने में एक छरहरे बदन वाला आदमी आता है, उसकी बाहें तनी हुई और छाती विशाल थी।
उसके आते ही मौसी- आओ राजा बाबू ! आज आपके लिए एक से भले दो रण्डियाँ तैयार हैं.. एक मैं और यह मेरी नई सहेली सीमा। उसको कुछ दिन के लिए रण्डियों जैसी जिंदगी जीनी है। है न बड़ी अजीब बात?
राजा बाबू- क्या नाम है तुम्हारा?
सुनीता- जी सीमा।
इतने में मौसी ने आँख मार कर इशारा किया तो सुनीता उसकी गोद में जा बैठी और झट से एक जोरदार किस दे दी और लौड़े को छू लिया।
राजा बाबू- मौसी, आज बड़ा गजब ढाने वाली है? साली मस्त है ! बिल्कुल गर्म कर दिया। चलो कमरे में चलते हैं ए सी चालू कर दो और 555 सिगरेट का पैकिट ले लो।
सुनीता- चलो मेरे राजा, सब तैयार है बस तुम्हारी कमी थी।
राजा बाबू ने सुनीता और मौसी के कमर पर हाथ डाल दिया दोनों को लेकर कमरे में पहुँच गया।
मौसी- राजा बाबू, इस साली को अपने लौड़े का पूरा पूरा मज़ा चखाओ ! बहुत आशिक है अलग अलग तरह के लौड़ों की। दिन में दस लौड़े लेने के लिए तैयार है और दो दिन दिल्ली में ही है मेरे पास।
राजा बाबू- अरे मेरी रानी, मेरे एक का लौड़ा ही काफी है तुम्हारे लिए। आओ, तुम्हारी गेंदें तो बड़ी बेकरार हैं हमारे हाथों में आने के लिए। मौसी तू साली बड़ी चालू चीज है, तेरे पास ऐसी बड़ी गेंदों वाली रण्डियाँ कैसे आती हैं? इस पूरे मोहल्ले में तेरे जैसी रण्डियाँ ही नहीं हैं। किसी की गाण्ड छोटी तो किसी की गेंद न के बराबर। इसकी तो गाण्ड भी बड़ी मस्त है।
इतना कह कर राजा ने सुनीता की चूचियाँ खुली देखने के लिए उसको पूरा नंगा होने को कहा।
सुनीता- अरे, यह काम तुम ही करो न?
राजा- ठीक है।
और उसने उसके मिनी स्कर्ट में हाथ डाल दिया और भोंसड़े को थपथपाया और एक ही झटके में सुनीता को ब्रेजियर और पैंटी में खड़ा किया और पीछे से मुआइना किया।
राजा- मौसी, तू भी नंगी हो जा ! क्या राह देखती है? आज एक साथ दो गाण्ड, दो भोंसड़े और 4 गेंदों का और दो मुँह का मज़ा लेना है।
मौसी- क्यों तुम मुझे नंगी नहीं करोगे? यह तो तुम्हारा काम और हक़ है.. मैंने भी 3 दिन से एक भी लौड़ा नहीं लिया, तुम्हारी राह देख रही थी।
राजा ने दोनों को नंगी कर दिया और दोनों के बगल में हाथ डालकर दोनों की चूचियों से खेलने लगा। दोनों की निप्पलें उसके स्पर्श से एकदम अंगूर के दाने जैसे कड़क हो गई। राजा बाबू को यह समझ नहीं आ रहा था कि क्या करूँ और किसके साथ शुरू करूँ।
सुनीता- राजा बाबू, क्या नया माल नहीं पहले चखोगे? देखो, यह भोसड़ा कैसे प्यासा है?
इतना कहकर सुनीता ने अपनी एक टांग राजा की जांघ पर रख दी और अपने हाथों से भोसड़ा साफ़ करके राजा बाबू के मुँह के पास ले गई।
राजा उसको फटाफट चाटने लगा। इधर मौसी ने राजा के पूरे कपड़े निकाल दिए, उसका लौड़ा मुँह में ले लिया और चाट चाट कर कड़क लोहे के डंडे जैसा कर दिया।
मौसी- उ हु उह ! राजा, क्या स्वादिष्ट लौड़ा लग रहा है ! बहुत दिन बाद आया मेरे मुँह में ! राजा बाबू अब सुनीता के भोसड़े को छोड़ो और उसे भी तुम्हारा लौड़ा चूसने दो।
थोड़ी देर बाद सुनीता ने लौड़ा चाट लिया, अपनी गेंदें राजा के मुँह में दे दी और राजा को पलंग पर लेटने कहा। इतना तेज ए सी चलने के बावजूद तीनों के तीन पसीने से लथपथ हो रहे थे और पूरी तरह सेक्स के महासागर में तैर रहे थे..
राजा अंगूर की खेती के मज़े लेने लगा और मौसी ने नीचे होकर कभी सुनीता के भोसड़े और कभी राजा के लौड़े को मुँह में लिया.. अब सुनीता गरम हो गई।
सुनीता- राजा बाबू, भड़वे साले ! चूस मेरे गोलों को और कल्पना साली रांड आज छोड़ना मत इस भोसड़े को, जब तक राजा बाबू मेरा रस नहीं चूस लेते तू मुँह से चोद डाल !
राजा- क्या मौसी का नाम कल्पना है ? मुझे क्यों नहीं बताया?
मौसी- क्या रे भड़वे? मेरे से शादी करने वाला था क्या? मुझे रण्डी बने रहना ठीक लगता है। साला रोज मर्द के लिए खाना पकाओ और मर्द के साथ सोकर बच्चे पैदा करो, बड़े करो और फिर अपने भोसड़े की भूख मिटाने के लिए नए लौड़े नहीं ले सकती। यहाँ तो हर मर्द मेरे भोसड़े का प्यासा है। मैंने अगर होटल का धंधा किया होता तो इतना नहीं कमाती और सीमा, नीला, सुशी, जूली जैसी रण्डियों को सहारा नहीं मिलता।
राजा- मौसी, साला सारा मज़ा किर-किर कर दिया। कोई सेक्सी गाना लगाओ और तुम दोनों नाचो।
गाना बजने लगता है और सुनीता और मौसी ने सेक्सी लटके झटके लेने शुरू किये।
थोड़ी देर बाद राजा भी नंगा हो नाचने लगा। नाचते वक्त मौसी और सुनीता की गेंदें और राजा के लौड़े को मचला उठती थी।मौसी ने नाच-नाच में राजा को इशारा किया और उसने सुनीता को घोड़ी बनने कहा और पीछे से कुत्ते के जैसे चोदने लगा।
सुनीता- राजा बाबू चोदो ! मुझे बहुत अच्छा लगता है। बहुत दिनों बाद कोई आशिक लौड़ा मिला।
राजा ने सुनीता की दोनों गेंदों को पकड़ते हुए चोदना चालू किया। सुनीता सिसकने लगी और चाहती थी कि राजा उसकी चूत में अपना पूरा पानी छोड़ दे।
पर मौसी ने इशारा किया और कहा- क्या राजा बाबू ! हमारी गाण्ड मारने में आपको मज़ा आता है और इसकी गाण्ड तो अछूती है !
सुनीता- कल्पना, नहीं ! मैं गाण्ड नहीं मरवाऊँगी ! मैंने यह कभी नहीं किया।
मौसी- चुप साली राण्ड ! राजा बाबू ने सबके लिए पैसे गिने हैं गाण्ड तो तुझे मरवानी ही होगी। तेरे राजू ने यहाँ सबकी मतलब जाहिदा, सुशी, नीला रानी की गाण्ड मारी है, सिर्फ एक जूली बची है इसलिए कि वो पान वाले के यहाँ खड़ा रहता है और इनकी दलाली करता है और बदले में उनको मुफ्त में चोदता है। यहाँ तो राजा बाबू पैसे दे रहे हैं।
राजा बाबू ! राह मत देखो और इसकी गाण्ड में और अपने लौड़े पर क्रीम लगाओ और चोद डालो साली राण्ड की गाण्ड को। बहुत हिलाती है और कस्टमरो को बेताब करती है..
राजा ने लौड़े पे क्रीम लगाई और दो उंगली से सुनीता की गाण्ड में क्रीम लगा दी और धीरे से डाल दिया अपना लोहे जैसा लौड़ा।
सुनीता- मर गई रे ! राजा क्या किया तूने? राजा तूने बजा दिया गाण्ड का बाजा।
मौसी- नहीं रे ! अभी तो घुसा है ! बजाना तो बाकी है..
इतना कहकर मौसी सुनीता के मुँह पास अपना भोसड़ा ले गई और उसका सर पकड़कर अपने भोसड़े में घुसेड़ दिया। सुनीता ने भोसड़ा चाटना चालू किया। अब तक चीख रही सुनीता अब कुछ शांत हुई और बड़े सकून से गाण्ड मरवाने लगी।
सुनीता- राजा, अब ठीक है ! धीरे धीरे गाण्ड फाड़ डाल और आसानी से मरवाने लायक बना दे।
मौसी- हाँ, अब साली पूरी रांड बनी ! देख क्या चहरे पे रण्डियों जैसी रौनक छाई है।
राजा बाबू- गाण्ड मरवाना चालू किया तब जाकर सकून मिला। औरत की गाण्ड को लोग घूर घूर कर क्यों देखते है? क्योंकि उनको गाण्ड मारनी होती है। कोई भी मर्द औरत को आगे से देख लेने के बाद उसकी गाण्ड मुड़ मुड़ कर जरूर देखेगा। हाँ मौसी ! नहीं तो बेचैनी रहती है, लगता है जैसे कुछ काम अधूरा रह गया हो.. और इस सीमा की गाण्ड ने तो बड़ा हिला कर रख दिया था !
सुनीता- बातें कम करो और चोदते रहो इस गाण्ड को। उसको भी पता चल गया है लौड़े का मज़ा।
मौसी- राजा बाबू, हमारी भी गाण्ड में खुजली हो रही है, इसके बाद मेरी गाण्ड भी जम कर मारना ! आज का दिन आपके नाम।
राजा बाबू- हाँ, तुम भी घोड़ी बन जाओ, दोनों की गाण्ड में बारी बारी डाल दूँगा।
बहुत देर तक गाण्ड मरवाई जा रही थी और अब राजा भी चाहता था कि काम पूरा कर दे। उसने सुनीता को खड़े करके उसकी एक टांग मेज पर फैला दी और एक ही झटके में लौड़ा घुसा दिया और धक्के देना तेज दिया।
सुनीता- राजा, एक भी बूँद बाहर नहीं ! सब मेरे भोसड़े में चाहिए।
राजा ने जैसे ही पानी छोड़ा तो सुनीता उसकी गाण्ड पर पाँव डाल कर लपेट लिया और अपना सारा बदन ढीला छोड़ दिया। अब वो संतुष्ट हुई थी.. राजा ने पलंग पर लेट कर अपनी थकन मिटा दी।
मौसी खुद की ओर इशारा करते हुए- राजा बाबू, यह पुरानी रांड भी बेताब है, इसी लौड़ी के लिए तैयार हो जाओ।
इतना कहकर उसने राजा का लौड़ा साबुन से धोकर साफ़ किया और लॉलीपोप की तरह में मुँह में लिया और चूसने लगी।
मौसी- सीमा तेरा काम हुआ तो तो कपड़े लेकर नीचे जा।
सुनीता नंगी ही चली गई नीचे। अपने कपड़े हाथ में ही रखे थे। नीचे सुशी, नीला रानी और जूली अपने ग्राहकों को पटा कर बैठी थी और सुनीता को नंगी देख कर वो बोली- दीदी लगता है सारी कसर निकाल दी ! पर अभी लगता है तुम्हें और लौड़ा चाहिए।
नीला- दीदी, नहीं अब तुम ऊपर आराम करो और हमारे लिए कुछ कस्टमर छोड़ो, सब तुम ही लोगी क्या?
जूली- नहीं रे ! यह परसों चली जायेगी ! बाद में अपना ही राज है। और जीजू अपने लिए मंहगे वाले कस्टमर लाते हैं, दलाली नहीं लेते, सिर्फ एक चुदाई चाहते हैं।
सुशी- दीदी बाते ही सुनोगी, क्या कपड़े नहीं पहनने क्या? साली क्या मस्त राण्ड लगती है।
जूली- ए ! राण्ड मत बोलो ! यह एक गाली है।
सुनीता- नहीं जूली ! मुझे तो सुनकर बड़ा मज़ा आता है ! तभी तो असली राण्ड की जिंदगी जीने के लिए यहाँ मर्द के साथ आई।
जूली- सीमा, मैं भी ऐसी ही हूँ। गोवा में मेरी बहुत सहेलियाँ हैं, किसी को मेरे इस धंधे के बारे में नहीं मालूम ! सिर्फ एक सहेली है डोना ! उसको शक हो रहा है और लगता है कि वो भांडा फोड़ देगी। क्या करूँ? इधर से जाने के बाद शादी करने वाली हूँ।
सुनीता- देख जूली ! उसको समझा-बुझाकर यहाँ ले आ और अपने मौसी के दलाल को समझा कर उस पर दो कस्टमर चढ़वा दे! साली दो लौड़ों का स्वाद चखेगी, फिर देख कैसे मस्त राण्ड बन कर दिन में दस-दस लौड़ों के लिए तरसेगी ? कोई कस्टमर नहीं छोड़ेगी। किसी को भी लेने लगेगी। फिर उसे रिक्शावाला, टैक्सीवाला भी चलेगा। यह चुदाई चीज ही ऐसी है।
जूली- हाँ, यह ठीक है, कल ही मैं उसे फोन करती हूँ और फ्लाईट से बुला लेती हूँ और बाद में फ्लाईट का खर्चा उसी से वसूल करती हूँ।
सुशी- साली दिखती कैसी है? धंधे के लायक है न ?
रीना कब से चुप थी वो- हाँ, नहीं तो सारा खर्चा तेरे गले पड़ेगा।
जूली- अरे ! साली की छाती काफ़ी बड़ी है ! किसी अँधे की भी नजर पड़ते ही लौड़ा टाइट कर देगी।
रीना- अरे, तो बुला ले उसे ! और बता दे उसे कि तू क्या करती है? ऐसे शानपटी करने वाली को तो ठिकाने लाना ही पड़ेगा। जिस रात उसकी चीखें सुनने को मिलेंगी, तभी ठंडक पड़ेगी हमारी फ़ुद्दियों में !
सुशी- मुझे यह ठीक नहीं लगता, हम यह काम अपनी खुशी से कर रही हैं ! उससे जबर्दस्ती क्यों करवाएँ?
इतने में सुनीता कपड़े पहनकर पहुँच जाती है !
सुनीता- किसकी बात चल रही है? जूली की सहेली की? उसे बुला लो और दो दिन एक कोने में बिठा कर रखो बिना कुछ सिखाये। देखते ही भोसड़े में खुजली बढ़ेगी और फट से कस्टमर को ले लगी और जम के चुदवाएगी।
सुशी- दीदी, कैसे मालूम तुम्हें?
सुनीता- मैं भी ऐसे नखरे करती थी ! फिर एक नंगी फिल्म देखी तो चुदवाने का बहुत मन करने लगा ! पर अपने शहर में ठीक नहीं लगता था, यहाँ घूमने के बहाने आए तो मौसी के दलाल से मेरी और इनकी (राजू यानि मैं) मुलाकात हुई और उनसे मेरी इस विषय पर हमेशा बात होती थी तो मैंने डर के मारे कभी इसे सही नहीं समझा था। उन्होने (मैं) मुझसे पूछा तो मैंने डर डर कर हाँ कर दी पर यहाँ आने के बाद अच्छा लगा।
रानी- और जीजू की चांदी हो गई, उन्होंने हम सब को जी भर के चोद लिया और हमारे लिए कस्टमर भी लाने लगे। तुम दोनो सही में भड़वा और रण्डी ही हो ! पर समाज में बड़ी इज्जत से रहते हो।
सुनीता- रानी, तुझे हम खटक रहे हैं क्या?
रानी- नहीं रे ! मैं तो उस नकली समाज की बात करती हूँ जहाँ पराई सेक्सी औरत देखी नहीं कि पुरुषों के लौड़े बिलबिला जाते हैं और चोदने की छुपी तमन्ना लिए नजरों से उस औरत को चोद डालते हैं। और सज्जनता का मुखड़ा लिए घूमते रहते हैं।
जूली- चलो छोड़ो ! अच्छा यह बताओ कि राजा बाबू अभी तक मौसी को चोद रहे हैं क्या ? और जाहिदा भी नहीं दिखती?
सुशी- अरे जीजू ने उसके लिए मस्त भड़वा, मेरा मतलब कि कस्टमर लाकर दिया है, 2 घण्टे के 1500 रुपए मिलेंगे। साली दबा के चुदवा रही है जिससे वो कस्टमर दुबारा उसके पास ही आएगा। साली ने बहुत पैसे जमा किए हैं अगले महीने गाँव जाने वाली है ना !
सुनीता- सुशी, तू कुछ मत बोल ! मेरे इनको आधा प्यासा छोड़ कर चली गई ! कभी उनकी प्यास तो बुझा तो वो तेरे लिए भी कुछ कस्टमर ला देंगे।
सुशी- क्या दीदी, तुम्हें मालूम है ना कि जीजू ने मुझे सबसे ज्यादा चोदा ! और कस्टमर वो जाहिदा के लिए लाते हैं।
इतने में मैं पहुँच जाता हूँ और मेरे साथ चार ग्राहक थे। मैंने अन्दर जाते ही सब रण्डियों को एक तरफ़ खड़े रहने को कहा।
मैं- चलो सब एक बाजू में खड़ी हो जाओ। जिससे ये तुम सबको देख कर बाद में अपने लायक माल चुन सकें।
हाँ तो यारो, ये रही सारी सेक्स की महारानियाँ। पसन्द करो अपने हिसाब से ! आप इनको छू सकते हैं उनकी छाती भी देख लेना।
वो चारों एक एक करके सबके पास जाकर देखते हैं। एक ने तो पहली ही रानी को पसंद किया और कमरे में लेकर चला गया। दूसरा जूली पे फिदा हुआ और तीसरे और चौथे ने सुशी को पसंद किया। सुशी ने आकर मेरे हाथ में हाथ डाल कर थैंक्यू कहा।
सुशी- जीजू, आज तो मेरे भाग खुल गए, पर सीमा क्या करेगी?
सुनीता- टेन्शन मत ले ! मैंने बहुत दबा के चुदवाया आज राजा बाबू से ! अब बस आराम ! और न जाने मौसी क्या कर रही है?
इतने में मौसी राजा बाबू के हाथो में हाथ डाल कर आ गई।
मौसी- कहाँ गई साली सारी रण्डियाँ धन्धा छोड़ कर? टीवी देखने क्या? कल से टीवी की तार ही निकाल देती हूँ।
मैं- मौसी क्या तुम भी? सारी अभी अभी कस्टमर को लेकर चुदवाने गई हैं हर एक को तीन घण्टे के लिए ग्राहक मिला है।
मौसी- कहाँ से आए?
मैं- मौसी मैं लेकर आया उनको ! पान वाले के यहाँ खड़े थे, सोच रहे थे कि कहाँ जाएँ? उसमें दो तो एकदम नए हैं। डर रहे थे, मैंने हिम्मत देकर बुला लिया ! साले मालदार हैं ! हमेशा आयेंगे अब।
मौसी- राजू, तू तो साला बड़ा काम का भड़वा है रे? मेरे भड़वों को जो नहीं जम रहा, वो तू आसानी से कर रहा है.. राजा बाबू, यह है उस सीमा का भड़वा मतलब उसका पति ! देखना दोनों कैसे चुदक्कड़ हैं?
राजा बाबू- मौसी, तू साली नसीब वाली है। तुझे किसी से जबरदस्ती नहीं करनी पड़ती। सब खुद रण्डी बनने आ जाती हैं।
मौसी- क्योंकि मैंने खुद यह धंधा अपनी मरजी से किया और मुझे जबरदस्ती लाई हुई लड़कियों को रण्डी बनाना अच्छा नहीं लगता ! वो फिर कस्टमर को खुश नहीं कर सकती। ये सीमा ने कैसे तुम्हें खुश किया, वैसे वो नहीं कर पाएँगी।
राजा बाबू- सच है। चलो मैं चलता हूँ अब अगले महीने आऊँगा।
सुनीता- जरूर आना (डोना का फोटो दिखाते हुए) यह जूली की सहेली है, वो आने वाली है। वो थोड़े नखरे करेगी मगर बड़े प्यार से लौड़े लेगी, देखना !
मौसी- साली, तुझे कैसे मालूम?
सुनीता- जब तू राजा से चुद रही थी तब हमारी नीचे बात हुई। बड़ी छाती है उसकी। छाती देखकर कस्टमर आएगा।
मौसी- मैं आज ही जूली से बात करती हूँ।
राजा बाबू- उसके आते ही मुझे फोन करना। मैं तुरंत आऊँगा।
इतना कहकर राजा चला जाता है। और सिर्फ सुनीता और मैं ही रहते हैं। मौसी कपड़े बदलकर हिसाब के पैसे ठिकाने लगाने में जुट जाती है..
सुनीता- कल एक दिन और धंधा कर लेती हूँ। कल मैं आधे घंटे के हिसाब से कस्टमर लेती हूँ। मेरा दिल नहीं भरा। मुझे बहुत चुदवाना है।
मैं- तेरा भोसड़ा ढीला पड़ जाएगा फिर मुझे क्या मज़ा मिलेगा?
सुनीता- ऐसा कुछ नहीं होगा। कल मैं जो मिला वो कस्टमर ले लूंगी। दस तो चाहिएँ ही।
मैं- तू क्या मशीन है? थक जायेगी।
सुनीता- अरे जिंदगी में एक बार तो करना है। फिर कौन यह सब करेगा। मुझे यहाँ सब रण्डी कहकर बुलाते हैं तो बहुत अच्छा लगता है और भोसड़े में अजीब खुजली शुरू हो जाती है। और लगता है कोई तुरंत मुझे लौड़ा दे दे।
मैं- मुझे नहीं मालूम था कि तुम इतनी चुदक्कड़ हो। घर जाकर तो नहीं करोगी ना ?
सुनीता- पागल हो क्या? सहेलियों में मेरी नाक कट जायेगी। यहाँ की सारी बातें यहाँ छोड़ देनी पड़ेगी। नहीं तो हमें जबरन यहाँ वापस आना पड़ेगा और दुनियादारी नहीं कर पायेंगे।
मैं- हाँ मेरी प्यारी रण्डी रानी !
सुनीता- तुम ऐसा मत कहो। तुम्हारे मुँह से यह अच्छा नहीं लगता। तुम मेरे पति हो। अच्छा, तुमने कितना मज़ा किया?
मैं- देख, मैं इनके लिए कस्टमर लाता हूँ और बदले में चाहे तो पैसे नहीं तो चोदने को मिलता है। सबको चोद चुका हूँ। सिर्फ जूली बाकी है, वो भी आज मेरे लौड़े के नीचे आ जायेगी। मैं उससे पैसे नहीं लूँगा, बदले में चोद लूँगा। तुम अब क्या करोगी?
सुनीता- मैं और मौसी पहले एक डीवीडी पर फिल्म देखेंगे और बाद में अंग्रेजी ब्लू फिल्म यानि कि चुदवाने की फिल्म जिससे हमें भी पता चले कि और किस तरह हम मज़े ले सकते हैं।
मैं- हाँ ठीक है। जूली के फ्री होते ही उसके साथ मैं जाता हूँ। मैं भी वीडियो देखकर चोदना चाहता हूँ। कुछ बंदोबस्त करता हूँ..
मैंने एक डीवीडी और टीवी का बंदोबस्त किया। जैसे ही जूली का कस्टमर गया, मैंने सारा इन्तजाम कर लिया। जूली सिर्फ ब्रेजियर और चड्डी पहने थी।
मैं- हाँ तो अब तू फ्री है? अब हम फिल्म देंखे?
जूली- हाँ जल्दी लगाओ ना !
मैंने जैसे फिल्म चालू की, उसमें हिरोइन ने आते ही मर्द के गले में हाथ डाल दिया और उसको अपने कपड़े उतारने को कहा। कपड़े उतारते ही हिरोइन ने उसका गोरा लौड़ा लॉलीपोप की तरह चूसना शुरू कर दिया। यह देखकर जूली ने मेरे कपड़े निकाल कर नीचे बैठकर लौड़ा चाटना शुरू किया। थोड़ी देर बाद मर्द ने उस गोरी मेम के गोलों को नंगा किया और बड़े प्यार से मसलना शुरू किया।
जूली- देखो कैसे दबा रहा है। इंडियन मर्द तो हमारी छाती को तो कुचल ही डालते हैं और फिर कहते हैं तुम्हारी छाती नर्म हो गई.. लो अब तुम भी इसी तरह प्यार से खेलो मेरे गोलों के साथ।
मैंने छाती के साथ साथ उसकी गाण्ड भी प्यार से दबाई और वो धीरे धीरे मस्त होने लगी। उसने मेरे हाथ हटा कर मुझे पलंग पर लेटने को कहा और हम 69 की पोजिशन में आ गए। वहाँ वीडियो में भी वही हो रहा था। गोरी मेम ने मर्द का लौड़े का रसपान शुरू किया और मर्द ने भोसड़े का। बस हमने भी यही शुरू कर दिया। अभी अभी चुदे हुए भोसड़े की खुशबू कुछ अजीब ही थी, बड़ी मस्त कर रही थी। मैं भी उसके चूसने से मस्त हो रहा था। वीडियो वाला मर्द सिसकारियाँ लेने लगा और यहाँ जूली कराहने लगी।
जूली- जीजू, जी...जू ! जी...जू ! सहन नहीं होता ! और जोर से चाटो।
मैं- और तुम मेरे लौड़े को चाटो। मैं भी बेकरार हूँ।
मैंने उठकर जूली को खड़ा किया और उल्टा करके घोड़ी बनके उसके गाण्ड में घुसेड़ दिया और धक्के चल्लू कर दिए। फिर लौड़ा निकाल कर भोसड़े में घुसेड़ा और चोदना शुरू किया और दोनों हाथों से थोड़ा झुक कर गेंदों को हाथ में लिया।
जूली- जीजू, जरा कसके पकड़ो इन गेंदों को ! बहुत बेताब थी तुम्हारे हाथों के स्पर्श के लिए। आ... आ... आ... आआ ! चुदाई चालू रखो। अन्दर तक आने दो। कस्टमर तो आते हैं और पानी छोड़कर चले जाते हैं। कोई हमें समझता नहीं। हमें भी बहुत बार ऐसे चुदवाने का दिल होता है पर हमें भी पैसे की भूख होती है और जल्द से जल्द दूसरा कस्टमर पकड़ने की जरूरत होती है। आप बस ऐसे ही लौड़ा अन्दर डाले रखो।
थोड़ी देर बाद मैंने पुनः धक्के देना शुरू किया। जूली को सकून मिल रहा था और सकून से कराह रही थी..
मैंने कामसूत्र के पाँच दाँव आजमाए और आखिर में उसे पलंग पर लेटा कर चोदना शुरू किया।
जूली- जी... जू ! पागल कर दोगे आप मुझे ! बहुत प्यार से चोद रहे हो ! अच्छा लगता है। चोदो, चोदो, चोदो मुझे चोद डालो और इस भोंसड़े को दिखा दो कि इसे कहते हैं चुदवाना।
मेरे धक्के बढ़ गए और आखिर में मेरा पानी उसके भोसड़े में छूट गया। इससे तृप्त होकर उसने अपनी टांगों से मेरी गाण्ड को लपेट लिया जिससे मैं छूट नहीं पाया और उसने कस कर पकड़े रखा।
जूली- हा...श... कुछ मज़ा आया ! जीजू... तुमको आया या नहीं?
मैं- बहुत मज़ा आया !
जूली- कल आपका आखिरी दिन है तो वादा करो कि कल दिन भर आप मेरी गोद में लिपटे रहोगे ! और किसी के पास नहीं जाओगे?
मैं- कल का तो मैं बता नहीं सकता।
जूली- नहीं ! आपको कल भी मुझे चोदना है। मेरा दिल भरने तक !
मैं- किसी और ने बुलाया तो?
जूली- उसे भी साथ ले लो ! तुमको तो क्या? पाँचों उंगलियाँ घी में।
फिर हम नंगे ही एक दूसरे की बांहों में हाथ डालकर सो गए। सुबह होते ही हम कपड़े पहनकर नीचे नहाने धोने गए, तैयार हो गए। और फ़िर चाय नाश्ते के लिए गए।
सबने योजना बनाई थी कि आज कोठे में सब रण्डियाँ सिर्फ ब्रेज़ियर और हाफ़ पैंट ही पहनेंगी। साली सबकी सब सेक्सी लग रही थी यहाँ तक कि मौसी भी उसी तरह तैयार हुई।
मौसी- वाह ! आज तो कस्टमर तो चकरा जाएगा कि किसको चोदूँ? सब की सब पटाख़ा लग रही हैं.. कोठे पे कदम रखते ही उसका लौड़ा ऐसा तनेगा कि जो बोले वो पैसे दे देगा। उससे कंट्रोल ही नहीं होगा।
मैं तैयार होकर रोज की तरह पान वाली दुकान के पास जा खड़ा हुआ। तभी मुहल्ले के असली भड़वे भी आ गये और बोले- क्या तुम ही कमाओगे? हम नहीं क्या?
मैं- अरे, हमने कब मना किया?
सब भड़वे- अरे यार जो चुदाई तुम्हारे यहाँ होती है, वो बाकी जगह पर नहीं। ऐसा क्यों?
मैं- हमारे यहाँ सब अपनी मरजी से धंधा करती हैं किसी को उठा कर या फंसा कर नहीं लाया। सब आती हैं किसी गई पुरानी रण्डी की पहचान लेकर। सब कमाती हैं और चली जाती हैं अपनी दुनिया में। हमारे यहाँ सीमा भी इसी तरह आई और अब कमा रही है।
सब बोले- साली, ऐसी हमारे हाथ क्यों नहीं आती? हमें तो मार-मार कर उसे रण्डी बनाना पड़ता है और उस धंधे में मज़ा नहीं।
मैं- हमारे यहाँ के कस्टमर को पूछो कि किसी औरत ने रोते हुए उसको लिया है? वो ना ही बोलेगा। उससे रण्डियाँ बहुत प्यार से पेश आती है और बेताब होकर लौड़ा लेती हैं। ऐसा किसी दूसरे कोठे पर नहीं होता। देखो कल ही बाजू वाले घर में वो लड़कियों को आप लोग बंगला देश और नेपाल से लाये हैं, आप उन्हें मारेंगे, पीटेंगे और फिर वो क्या खुशी से धंधा करेंगी ? नहीं ना ? तो आप लोग ऐसी औरतें ढूँढो जिनको कमाना भी है और पहचान भी छुपानी है ! ऐसी औरतें एक ढूँढो तो हजार मिलेंगी। एक बार वो गई तो जाने दो ! दूसरी उसके पीछे अपने आप आ जाएगी।
सभी भड़वे- हां ! यह सोलह आने सच है। देखते हैं, ऐसी हमारी किस्मत भी है या नहीं?
मैं- एकदम से नहीं मिलेंगी। थोड़ा धीरज रखना पड़ेगा।
इतने में दो लड़के कल्पना के कोठे का पता पूछने लगे।
मैं- हाँ, बोलो कहाँ जाना है?
वो बोले- कल्पना के यहाँ ! वहाँ मस्त-मस्त रण्डियाँ हैं ! बहुत नाम सुना है।
मैं- तो चलो मेरे साथ। कितनी देर तक बैठना है? एक बार चोदने के 500 रुपए होगे और एक घंटे के 1000 रुपए।
वो- नहीं, हमें तो बस एक बार चोदना है, अच्छा लगा तो दूसरी बार पूरी रात के लिए आयेंगे।
बातें करते करते हम कोठे पर आ गए। सभी अन्दर टीवी देख रही थी। मैंने बेल बजाई तो मेरी सारी की सारी सालियाँ बाहर आ गई। उनको इन कपड़ों में देखकर वो दोनों पागल से हो गए और नजदीक जाकर किसको चोदें, इसका विचार करने लगे..
एक ने रानी को और दूसरे ने जूली को चुना और लेकर कमरे में चले गए। धीरे धीरे कोठे पर चोदुओं की भीड़ बढ़ गई। चोदने के लिए कमरे और लड़कियाँ कम पड़ने लगी। सभी रण्डियों ने दो-दो राउंड पूरे किये, उनमें सीमा भी थी।
सीमा मेरे पास आई और बोली- और पाँच घण्टे काम करना है ! और 6-7 लौड़े तो चाहिएँ ही मेरी चूत को।
मैं- मैं कोशिश करता हूँ।
उतने में पहले दिन वाला युवक आया, साथ में एक दोस्त को लाया था।
आते ही युवक- रमेश, जिसकी मैं बात कर रहा था वो यही है सीमा, सीमा आज हम दोनों को एक साथ लेना है।
सुनीता- आज आधा घंटे से ज्यादा नहीं लूंगी, मुझे बहुत कस्टमर पटाने हैं।
युवक- चलेगा। दोनों के 1000 रुपए ! है मंजूर?
सुनीता- हाँ चलो अन्दर ! दोनों कपड़े निकालकर बैठो ! और पैसे दो ! मैं पेटी में रख कर आती हूँ।
सुनीता ने अन्दर जाकर बारी-बारी दोनों लड़कों से चुदवाया और कपड़े पहनकर बाहर आई। आते युवक ने उसकी छाती को पकड़ा तो वो गुस्सा हुई।
सुनीता- ए नखरा नहीं करने का ! सिर्फ चोदने के पैसे लिए, छाती को हाथ लगाने का नहीं। उसके पैसे अलग।
युवक- सॉरी, सॉरी।
इतना कहकर चले गए।
बाहर और 5-6 ग्राहक बैठे थे और सभी रण्डियाँ अपना और एक राउंड पूरा करके बाहर आई। उनको देखते ही सारे ग्राहकों ने सिटी मारी और बोले- साली इस कोठे की रंगीनियाँ कुछ अलग ही हैं ! साली आज सब आधे से ज्यादा तो नंगी ही हैं ! ज्यादा तकलीफ नहीं होगी कपड़े निकालने के लिए।
सीमा एक आँख मार कर नीचे झुक कर अपनी छाती हिलाने लगी। इस पर फ़िदा होकर एक नौजवान उसे ले गया। जाहिदा के पास दो कस्टमर गए। सुशी और रानी ने भी कस्टमर लिए।
मौसी- साला कोई मुझे क्यों नहीं लेता? चल राजू, तू ही मेरे भोसड़े में डाल दे अपना लौड़ा। इन रण्डियों की चुदवाने की स्पीड देखकर मुझे भी चुदवाना है।
मैं- चल तो फिर ! फटाफट चोद डालूँ तुझे..
मैंने उस दिन मौसी के हाथ में अपना मस्त लौड़ा दिया तो वो चुदवाने के लिए तैयार हो गई।
मौसी- मेरे कोठे की रण्डियों ने तेरी बहुत तारीफ़ की तो सोचा देखूँ कि कितना सच है?
थोड़ी देर बाद सारी की सारी रण्डियाँ सारे कस्टमर पटा कर बाहर आई। किसी किसी ने तो ऊपर कुछ भी नहीं पहना था और मस्त होकर पंखे के नीचे बैठी थी।
मौसी- इन साली रण्डियों को किसी की शर्म ही नहीं ! अरे यह राजू यहाँ बैठा है ना ? इसकी तो शर्म करो !
जूली- इनसे क्या शर्माना ! मुझे और बाकी रण्डियों को पूरा नंगा देख कर उर चोद चुके हैं हमारे जीजू।
मौसी- ठीक है पर अभी कोई आया तो? कमरे में नंगी हो जाओ बाहर नहीं। बेशर्म कहीं की साली। चलो ब्रेज़ियर तो पहनो ! क्या रे राजू? तेरा लौड़ा नहीं कड़क होता इन को देख कर?
मैं- इनको तो चख लिया अब सिर्फ तू बाकी है..
मैंने पास जाकर मौसी को छुआ तो पता चला वो गर्म हो चुकी थी मेरा हाथ लगते ही !
उसने शरारती अंदाज में देखकर कहा- अभी मुझे दो कस्टमर लेने दे। फिर रात तेरी और मेरी।
मौसी ने दो दो कहते हुए 4 कस्टमर लिए और सुनीता का कोटा भी पूरा हुआ। वो अब थक चुकी थी।
सुनीता- मैं अब नहीं लेने वाली। मैं सोने जाती हूँ।
मौसी- राजू, तू अब मेरे साथ चल।
मैंने उसे गोद में उठाया और उसके कमरे में ले गया और कमरे बन्द किया। उसने एसी चालू किया। थोड़ी देर में कमरे ठण्डा हो गया।
मौसी ने मुझे खींचते हुए अपनी बाहों में लिया और बोली- भड़वे, तेरी तारीफ मैंने सभी रण्डियों से सुनी तो सोचा मैं भी तेरा लौड़ा ले ही लूँ। आज रात मैं सोने वाली नहीं और तुझे भी नहीं सोना।
मैं- हाँ मेरी रण्डियों की रानी। तू क्यूँ बाकी रहेगी ? तेरी तो खास खातिरदारी करूँगा। सारे दाँव आजमाऊँगा।
उसने मुझे नंगा किया और खुद कपड़े पहनकर मेरा लौड़ा चूसने लगी।
5 मिनट बाद मौसी- क्या रे? तू मुझे नंगी नहीं करेगा ? कर ना रे !
मैंने उसके सारे कपड़े उतारे, उसका भोसड़ा भूखा-प्यासा था। उसने झट से मेरे मुँह पर अपना भोसड़ा धर दिया। मैंने उसे चाट-चाट कर तड़पा दिया।
मौसी ने लौड़ा मसल मसल कर दुबारा खड़ा किया और दोबारा चोदा उसको।
मौसी- भड़वे, क्या लम्बा लौड़ा है रे ? आज की रात तुम्हारी आखरी रात है। मैं चाहती हूँ कि तुम दोनों और थोड़ा, मतलब दो-एक दिन रुको न? मैं भी जी भर के चुदवा सकूँ और और सीमा को भी मस्त कमाई हो?
मैं- मौसी, आज की रात तुम्हारी। पर हम नहीं रुक सकते ! घर पर राह देखते होंगे।
मौसी- राजू ! रा..जू ... आ भड़वे.. क्या तड़पा रहा है?
मैंने उसे खड़ा किया और पीछे से एक टांग उठाकर एक हाथ का सहारा देकर लौड़ा घुसेड़ दिया। थोड़ी देर बाद मैंने उसे पाँच अलग अलग तरीकों से चोदा और आखिर में सीधे लिटा कर पूरा लौड़ा घुसेड़ दिया और चोद डाला।
मौसी- मज़ा आया इस हफ्ते ! तुम दोनों मिया बीबी के साथ किए मज़े मैं भूल नहीं सकती।
सुबह होते ही मैं और मौसी बाहर !
आते ही सारी रण्डियों ने ताली बजाकर हमारा स्वागत किया।
जाहिदा- तुमने तो तिजोरी पे ही हाथ मार दिया। बड़े उस्ताद चोदू हो? राजू और एक बार मुझे चोद ना ! भड़वे, क्या मस्त चोदता है तू !
जूली- जीजू, आज मेरी वो सहेली डोना आने वाली है, उसके लिए तगड़ा ग्राहक ढूंढ कर लाना।
मैं- अच्छा फिकर मत करना ! मिल जाएगा कोई ना कोई। पर वो तैयार होगी क्या?
सुनीता- उसकी चिन्ता छोड़ो ! यहाँ के नजारे देखते ही मचल उठेगी। पहले तो मैं भी डरी थी। मगर अब मेरा भोसड़ा हर लौड़े के लिए बेताब रहता है। आखिरी दिन है तो बहुत चुदवाऊँगी। सारी कसर एक ही दिन में पूरी करूंगी। फिर कहाँ ऐसा कर सकूँगी?
इतना कहकर सुनीता ग्राहक का इन्तजार करने लगी। साली पूरी तरह रण्डी ही बन गई थी। भड़काऊ मेकअप, तंग हाफ-पैंट, उस पर बिना बाहों वाली जर्सी जिसमें से उसके गोलों की लकीर दिखाई देती थी। मैं सोच भी नहीं सकता था कि वो मेरी पत्नी है और एक संसारी स्त्री है। वो इतनी मस्ताई थी कि उसने एक एक करके सारी रण्डियों की गाण्ड दबा दी..
करीब 11:30 बजे कोठे सामने एक रिक्शा रुकी। उसमें से जूली और एक खूबसूरत लड़की उतरी। उसकी छाती देखते ही सब समझ गए कि यह डोना ही है जिसके बारे में जूली बात कर रही थी।
मैंने सामान उतारकर अन्दर रख लिया। मैं वहाँ भड़वे का काम करता था तो यह सामान उठाने का काम भी कोई बुरा नहीं लगा। मैंने सामान उठाने के बहाने उसकी गाण्ड को छू ही लिया। साली को पता ही नहीं चला। वो तो बावरी बन गई थी। सोच रही होगी कहाँ फंस गई?
जूली- यह है मेरा ऑफिस, जहाँ मैं काम करती हूँ। और यह मेरी सहेली डोना है जो मेरे जैसे गोवा से ही है.. कल से तुम्हें भी काम करने को मिलेगा। जीजू, इसे अन्दर ले चलो। सारा काम अपने आप सीख लेगी ! बहुत होशियार है यह।
मैं उसे अन्दर ले आया। वहाँ जाहिदा, नीला, रानी सुनीता धंधे के लिए तैयार होकर खड़ी थी.. उन सब में नीला आज बड़ी सेक्सी लग रही थी। उसने नीली साड़ी कस कर पहनी थी और गहरे गले का बिना बाहों वाला ब्लाउज़ पहना था।
उतने में मौसी नीचे आई और बोली- आ री ! तू ही है क्या जूली की सहेली? बहुत तारीफ़ करती थी.. बोलती थी कि मेरी सहेली के आते ही जादू चल जाएगा। देखते हैं, क्या होता है? तुम आराम से बैठो। कोई डर मत रखना। तुम मेरे कमरे में चलो। राजू तुम भी साथ चलो।
डोना डरते डरते मेरे पीछे-पीछे चलने लगी। हम तीनों मौसी के कमरे में पहुँचे। मौसी ने सी सी टीवी चालू किया। नीचे ग्राहक आने लगे थे। कोई रण्डियो के गाल को छू रहा था, कोई उनकी छाती देख रहा था। एक ने सुनीता की गाँड को दबा कर देखा और भाव ताव करके उसे कमरे में ले गया।
मौसी और मैं डोना के चेहेरे के हाव-भाव देख रहे थे। साली सिर्फ़ नौटंकी कर रही थी, असल में वो भी चुदक्कड़ ही होगी और चुदवाने का मौका ढूंढ रही होगी।
इधर सीसी टीवी पर कमरे में सुनीता ने ग्राहक से 500 रुपए लिए, अपने कपड़े उतारे और सीधे से उसका लौड़ा लेकर चुदवाना चालू किया।
यह देखकर डोना बोली- हूं तो जूली के ऑफिस में यह काम होता है? बड़ी शरीफ बनती है गोवा में ! और यह औरत कौन है और कहाँ से आई है? कितनी बेशरम है?
मौसी- अरी, ये सारी रण्डियाँ हैं और यह रण्डी इसकी बीवी है। घूमने निकले और जब दिल्ली आए तो जेब कट गई तो कोई उन्हें पैसे नहीं दे रहा था। फिर पैसे कमाने दोनों मेरे पास आए। उसकी औरत का नाम सीमा है और यह राजू है और इन रण्डियों के लिए कस्टमर लाता है और दलाली के बदले उनको चोदता है। सब इसे जीजू बुलाती है। ये सारी रण्डियाँ कहलाने में शर्म नहीं करती। तुझे भी रण्डी बनना हो तो बोल?
डोना- आपको शर्म नहीं लगती अपनी बीवी से धंधा करवाते?
मैं- अरे बाहर की दुनिया देखी है मैंने और मेरी बीवी ने.. साले सब के सब हवस खोर होते हैं। यहाँ एक अच्छा है कि जिसे भी इच्छा होती है चला आता है, पैसे देकर चोद कर चला जाता है। कोई नौटंकी नहीं। थोड़ी देर तू अकेली इस कमरे में बैठ कर देख कैसे कैसे लोग आते हैं.. पता चलेगा कि लोगों के लौड़े में कितनी आग होती है ! फिर सब मिटाने यहाँ की गलियों में आते हैं। बड़ी-बड़ी पार्टी के कार्यकर्ता भी आते हैं। कल ही यहाँ का नगर-सेवक देर रात आया था और जाहिदा, नीला और सुशी को ले गया था।
इतना कहकर मैं मौसी को लेकर बाहर निकल गया। डोना के लिए सी सी टीवी चालू ही छोड़ दिया और हम दूसरे कमरे में बैठ कर उसके ऊपर नजर रखने लगे।
डोना ने देखा कि एक नया नवेला लड़का आया, थोड़ा डरा हुआ था। पहली बार इस गली में आया होगा.. जूली ने एक आँख मारी और उसके पास जाकर खड़ी हो गई।
उसने डरते हुए जूली को कहा- मैं पहले कभी नहीं आया ! दोस्तों ने बोला कि मज़े करने हैं तो इस गली में चले जाना।
जूली- सच है ! यहाँ बहुत मज़े करवाने वाली हैं। तुझे किसके पास जाना है?
जूली ने उसको पास खींच कर चूम लिया और उसके लौड़े को दबा दिया। वो शर्म और डर से पानी पानी हो गया.. फिर उसने जूली से मोल-तोल किया तो जूली ने उसको 1000 रुपए में दो घंटे कहा।
वो तैयार हो गया।
जूली उसकी कमर में हाथ डालकर ले गई। कमरे में जाते ही उस लड़के की हिम्मत बढ़ गई। उसने जूली की गाण्ड को आहिस्ता से छुआ।
जूली- अरे आराम से ! अब दो घंटे के लिए मैं सिर्फ तेरी हूँ। क्या नाम है रे?
लड़का- जी, सुखबीर ! और तुम्हारा?
जूली- अरे क्या तुम तुम करता है? अभी तू मुझे चोदेगा तो क्या मैं तेरी बीवी बनने वाली हूँ.. यहाँ सिर्फ लौड़े और भोसड़े के रिश्ते होते हैं।
जूली ने उसे उसके और अपने कपडे उतारने कहा। उसने एक एक करके जूली के कपड़े उतारे और जूली ने शरारती होकर लड़के को एकदम नंगा कर दिया, उसे अपनी बाहों में लपेट लिया और फिर उसे पलंग पर बिठाकर उसका लौड़ा मुँह में लिया और लॉलीपोप की तऱह चूसा और थोड़ी देर बाद।
जूली अपनी गेंदें झूलाती हुई- मैं तुम्हें सुक्खू बुलाऊँगी। सुक्खू, यह मेरी छाती कैसी है रे?
सुक्खू- बहुत मस्त साली ! इसे देख कर तो मैं अन्दर घुसा। बहुत डर लग रहा था।
जूली- अरे डरने का नहीं ! बिन्दास आने का ! बहुत लोग आते हैं, सबको पहले डर लगता है ! तेरा नया लौड़ा है इसलिए मुँह में लिया। आज के बाद निरोध लगाना पड़ेगा क्योंकि अब तू हमेशा मेरे को ही तो चोदने नहीं आएगा। मगर कुछ दिन मेरे पास ही आना ! चोदने का पूरा आनन्द दूंगी। और अलग-अलग तरीके से चोदना सिखाऊँगी। अगली बार 2000 रुपए लेकर आना और रात भर मुझे चोदना।
लड़का- अब अगले हफ़्ते अपने एक दोस्त के साथ आऊँगा। हम दोनों को देगी एक साथ? जैसे ब्लू फिल्म में दिखाते हैं?
जूली- अरे दो क्या मैं तो 3-4 भी ले लूंगी मगर पैसे ज्यादा देने पड़ेंगे। हम रण्डियों को सिर्फ़ पैसा चाहिए। जो तुम जैसे भड़वे ही लाकर देते हैं।
लड़का- अरे दे देंगे। मगर बीयर या व्हिसकी का बन्दोबस्त करना पड़ेगा। क्या तुम पीती हो?
जूली- हाँ ! मैं सिर्फ बीयर पीती हूँ..
जूली ने उसकी छाती के बालों को सहलाया और दोबारा लौड़े को दबाया..
वो बेताब हुआ और उसने जूली को चूम लिया और दोनों हाथों में जूली की चूचियाँ लेकर दबाना चालू किया और चुचूक मुँह में लेकर चोकलेट की तरह चूसने लगा। नये लड़के ने कितनों से चुदवा चुकी जूली जैसी रांड को गर्म किया और जूली ने घोड़ी बनते हुए उसे कहा- पहले जैसे ब्लू फिल्मों में मारते हैं, वैसे गाण्ड मार और बाद में आगे से चोदना !
अपनी पैंट उतारी और चड्डी निकालकर अपनी फ़ुद्दी को सहलाना चालू किया और अपने ही हाथों से अपने बड़े-बड़े नारियल जैसे स्तनों को सहलाना चालू किया। उसने इधर उधर देखा तो उसे मौसी का खिलौने वाला लौड़ा दिखा जिसे मौसी ने जानबूझ कर रखा था। उसने उसे लेकर अपनी फ़ुद्दी में डाल दिया।
यह देखकर मौसी बोली- देखा साली को? अभी तो सिर्फ चड्डी उतरी है ! साली राण्ड ने छाती नहीं खोली ! अब देखना कैसे गिड़गिड़ाएगी मेरे पास आकर चुदवाने के लिये। आज ही बंदोबस्त करती हूँ किसी कस्टमर का इसके लिये।
थोडी ही देर में डोना नीचे आकर बोली, उसके कपड़ों का कोई ठिकाना न था- मौसी, सहन नहीं होता ! क्या करूँ?
मौसी नाटक करते हुये- किस चीज का?
डोना अब रण्डीपन पर उतर आई और बोली- मौसी, मुझे भी ऐसा मस्त लौड़ा चाहिये ! बहुत दिन हो गए मैंने लौड़ा नहीं लिया ! गोवा में चार महीने पहले एक 50 साल के आदमी से चुदवाया था, वो मेरी पहली चुदाई थी मगर उसने मुझे खुश नहीं किया था। मुझे भी जूली के जैसे चुदावाना है। मैं तीन महीने के लिये आई हूँ और बार-बार आना है मुझे ! यहाँ मुझे सुरक्षित लग रहा है, मेरे बारे में किसी को पता नहीं चलेगा।
देख मौसी, मैं 10,000 लूँगी पहले ग्राहक से ! मूहुर्त में नाटक नहीं चाहती मैं ! 3 घण्टे से ज्यादा नहीं दूँगी, उसको बोल कर रखना।
मौसी मेरे कान में बोली- राजू देखा इसे? साली अपने काम की चीज निकली ! साली बहुत तड़प रही है लौड़ा लेने के लिए। बहुत तड़पाऊँगी उसे फिर दूँगी कस्टमर।
फ़िर मौसी डोना को बोली- हाँ हाँ ! वैसे ही होगा पर सुन ! मैं 2000 रुपल्ली लूँगी।
डोना- अरे, यह तो आपका हक है मौसी। पर एसी कमरा ही चाहिए। चलो मुझे अब थोड़ा आराम करने दो, तुम दोनों जाओ।
मैं और मौसी एक दूसरे को देखते ही रह गए।
मौसी- साली पहले से ही चुद चुकी है ! कौन देगा इतने पैसे?
मैं- अरे बुला न तेरे राजा बाबू को। बोल रहा था न कि मुझे बुलाना।
जूली- क्या हुआ? साली को भड़वों से चुदवाएँ?
मौसी- चुप साली ! वो तो सुनीता और तुझसे भी चुदक्कड़ है। देख साली कैसे तड़प रही है..
मौसी ने दोबारा सीसी टीवी चालू करके जूली को दिखाया। डोना अपने भोसड़े को सहलाते हए सीत्कार कर रही थी।
जूली- मौसी, अब मत देर कर ! चढ़वा दे इस पर कोई मजबूत कस्टमर ! मुझे तो लगता है साली एक साथ 3-4 कस्टमर ले लेगी। साली हमसे ज्यादा चहेती राण्ड बनेगी तेरी ! मौसी, आज उसको कस्टमर दे, फिर एक घण्टे के लिए मैं इसके साथ खेलूँगी। मेरे गाँव की है तो मुझे दलाली के बदले पहले दिन उसके साथ सेक्स करना है।
मौसी- हाँ बाबा हाँ ! पहले मुझे राजा बाबू को बुलाने दे।
मौसी ने राजा बाबू को फोन किया और बताया कि उनके लिए एक मस्त रण्डी आई है, देखते ही लौड़ा कड़क हो जाएगा।
थोड़ी ही देर में राजा बाबू किसी आदमी को लेकर आ गया।
राजा बाबू- मौसी, लो हम आ गए। यह मेरा दोस्त उस्मान है कलकत्ता से आया है। बोल रहा था कुछ आईटम दिखाओ तो मैं इसे ले आया। क्या तेरी वो रण्डी हम दोनों को एक साथ लेगी? बुलाओ उसे, देखें तो सही।
मौसी- देखना क्या ? अब सीधे नंगी करके चोदना ना.. साली के नारियल दबाते दबाते थक जाओगे।
इतने में डोना टाईट सफ़ेद लेगिंग और उस पर सफ़ेद टाईट बिना बाहों की बनियान पहन कर आ गई जिसमें से नारियल उछल कर बाहर आने के लिए बेताब थे।
आते ही मौसी ने उसकी पहचान कराई। उसने राजा बाबू का चुम्बन लिया और उसे आँख मारी और उस्मान का लौड़ा दबा दिया।
मौसी- क्या ख्याल है? ठीक है?
राजा बाबू- मौसी तू ना हीरे ही पकड़ कर लाती है। उस्मान, क्या ख़याल है?
उस्मान- अरे, रात भर न हम सोयेंगे न इस साली राण्ड को सोने देंगे।
डोना- देखती हूँ तुम दोनों भड़वों में कितनी ताकत है? एक ही शॉट में लुढ़क मत जाना। मुझे जम कर चुदवाना है।
राजा बाबू- कितना पैसा लेगी ?
डोना- मौसी से सुना है कि तुम पुराने कस्टमर हो इसलिए तुम दोनों के मैं 15,000 रुपए लूंगी ! बोलो है मंजूर?
उस्मान- हाँ हाँ ! मैं देता हूँ.. फिकर मत कर। खुश हुआ तो सुबह जाने के वक्त 2,000 रुपए और दूंगा। मगर इक साथ दोनों को लेना होगा।
डोना- चलेगा ! कोई बात नहीं, चलो कमरे में ! मौसी, ए सी चालू कर दो और 2 बोतल व्हिस्की और कुछ चना-चबैना भेज दो ! पैसे मैं दूँगी।
यह देखकर मैं, मौसी और सारी रण्डियाँ चौंक गईं। सोचा था कि डर जायेगी, यहाँ से भागने की कोशिश करेगी, फिर उसे धंधे के लिए डरा धमका कर तैयार करना पड़ेगा, जबरदस्ती करनी पड़ेगी। पर यहाँ तो उल्टा हुआ। उसने दोनों की कमर में हाथ डाला और ले गई कमरे में।
सामने की दुकान से नौकर आकर कमरे में बोतल और नाश्ता छोड़ गया। डोना ने उसे हिसाब से ज्यादा पैसे दिए और बोली- बाकी के तुम रख लो। कभी कोई कस्टमर भी भेज देना। दलाली दे दूँगी !
वो हाँ बोलकर चला गया।
थोड़ी देर में शराब और शबाब ने रंग दिखाना चालू किया। हम सब टीवी में देख रहे थे।
डोना उस्मान की गोद में उसकी तरफ मुँह करके बैठ गई और राजा ने पीछे से उसके नारियल को सहलाना शुरू किया। फिर उसने उस्मान और राजा के कपड़े उतारे और दोनों को पलंग पर बिठाकर बारी-बारी दोनों के लौड़े चूसने शुरू किये..
थोड़ी देर बाद :
डोना- मेरे बदन में आग लगी है, मुझे नंगी करो !
राजा ने उसकी लेगिंग निकाली और उसकी डोरी टाइप चड्डी उतारी। उस्मान ने उसकी बनियान उतारी और ब्रेज़ियर उतारी, जिसके खुलते ही नारियल एकदम उछल कर बाहर आये। डोना ने राजा को सामने खड़ा किया और खुद उस्मान की गोद में राजा के तरफ मुँह करके बैठ कर लौड़ा चूसने लगी और उस्मान को छाती के साथ खेलने के लिए कहा।
बाहर यह देखकर मेरे लौड़े ने बाहर आने की कोशिश शुरू की।
मौसी- राजू, बोल क्या ख्याल है?
मैं- मौसी, मैं इसको चोदे बगैर नही जाऊँगा। मैं सुनीता को समझाता हूँ..
मौसी- मेरे लिए तो अच्छा है। फिलहाल मुझे शान्ति से उसकी चुदाई देखने दे, कोई गड़बड़ न हो जाए। नई राण्ड है न ? वो साले उसे काट न लें ! वो क्या है ना कि सेक्स के मारे लोग रण्डियों को काट लेते हैं और बवाल मच जाता है।
इधर डोना पूरी ताकत के साथ पूरी रण्डी बनकर दोनों को मज़े देने में जुट गई। राजा की गर्दन में हाथ डाल कर उसने उस्मान को चोदने के लिए कहा। उसने आहिस्ता से लौड़ा उसके भोसड़े में घुसेड़ दिया और फिर दोनों टांगों को हाथों से पकड़कर चोदने लगा।
डोना- चोद मेरे बहादुर ! बराबर है, चालू रख। अरे राजा, तू एक हाथ से मेरी चूचियों को दबा ना ! आज मेरे भोसड़े की प्यास बुझा दो ! मुझे मस्त रण्डी बना दो।
राजा- तुम्हें यह पसंद है? कोई राण्ड बुलाता है तो बुरा नहीं लगता?
डोना- अरे साली जूली ने पहले नहीं बताया ! नहीं तो मैंने भी दिल्ली आकर अब तक कितना कमा लिया होता? और मुझे रण्डी बुलाओ या वेश्या ! मुझे तो बस भोसड़े की खुजली मिटानी है और साथ में पैसे मिलते हैं तो क्या बुरा है? मुझे कहाँ तुमसे शादी करनी है? इसी पैसे से शादी करूंगी और यह मुल्क छोड़ दूँगी। चलो बातें बंद, चोदना चालू।
थोड़ी देर बाद उसी तरह वो उस्मान पे लटकी और राजा से चुदवाया। फिर वो उस्मान के लौड़े को भोसड़े में लेकर बैठी और मुँह में राजा का लोलीपोप लिया। अब बारी राजा की थी वैसे उसने राजा को लिया। फिर उसने मुँह पलट कर अपने भोंसड़े में राजा का लौड़ा लिया और हाथों से उस्मान का लौड़ा सहलाने लगी। पाँच ही मिनट में उसने उस्मान को बुलाया और उससे गाण्ड में लौड़ा डालने को कहा मतलब पहले ही दिन पहले दो कस्टमर के लौड़े चूत और गाण्ड दोनों में खा लिए।
दोनों ने जल्दी ही अपना पानी छोड़ दिया। फिर डोना ने मेज़ पर से सिगरेट का पैकेट लिया उसमें से उसने एक सिगरेट जलाई और आराम करने लगी।
राजा ने इस बीच उसके भोसड़े में मुँह घुसेड़ दिया और उसके भोसड़े का रस चाटने लगा। सिगरेट ख़त्म होते ही उसने उस्मान को भी अपना फ़ुद्दा चाटने के लिए मजबूर किया।
दोनों के चाट लेने के बाद दूसरे राउंड के लिए डोना तैयार हो गई। इधर मौसी और बाकी रण्डियाँ हैरान हो गई। टीवी पे देखते ही रह गई। किसी का धंधा करने का मूड नहीं था, सब जिन्दा फिल्म देखने में मस्त थी, सिर्फ जाहिदा और नीला कोई भी कस्टमर नहीं छोड़ रही थी। थोड़ी देर बाद वो भी आकर हमारे साथ बैठ गई।
मौसी- साली गजब की राण्ड है ! दो लौड़े लिए हैं और उनको सोने भी नहीं देगी। ये साले अब एक-दो महीना चोदने का नाम नहीं लेंगे। देख री नीला, कैसे चुदवाती है कस्टमर से? ऐसे चुदवाएगी तो कस्टमर बार-बार आयेंगे, कहीं नहीं जायेंगे और अपने दोस्तों को भी ले आयेंगे। तू तो एक कस्टमर लेकर एक घंटा आराम करती है.. कल से तू भी एकदम भड़काऊ टाईट कपड़े और अधनंगे कपड़े पहन।
नीला- हाँ ये बरोबर है। मैं कल ही वैसे कपड़े ले आती हूँ। फिलहाल मुझे डोना से चुदाई सीखनी है। अगर इसने सिर्फ एक बार ही चुदवाया तो इतना सब चोदने के बारे में कैसे मालूम?
मैं- अरे तू भी ब्लू फिल्म देख ! सब आ जाएगा।
नीला- छी, मुझे नहीं पसंद।
मैं- तो ये डोना की चुदाई देख।
मैं मौसी और नीला के बीच जा बैठा और धीरे से नीला के कंधे पे हाथ रख दिया, आहिस्ता से मैंने उसके गोले दबा दिए। मौसी ने देख लिया और नजर फेर ली। वो जानती थी कि मैं नीला को एकदम चुदक्कड़ बना सकता हूँ..
इतने में सुनीता का एक आशिक दोबारा आ गया। सुनीता उसके साथ चुदवाने चली गई।
मौसी- साली ने आज दस कस्टमर को बुला रखा है। अब सब एक साथ आयेंगे तो कैसे बिठाएगी?
मैं- चिंता मत करना। उसको चड्डी पहनने का मौका भी नहीं मिलेगा। वो सब सम्भाल लेगी। अब कस्टमर सम्भालने में एक्सपर्ट हो गई है। नीला तुम्हें भी ऐसे सिखाना है।
नीला- तुम सिखा दो ना।
मैं- पहले डोना की चुदाई तो देखने दे ! साली मेरे लौड़े को मजबूर कर रही है यहाँ रुकने के लिए।
मौसी- तो फिर रुक ना दो दिन। फिर कहाँ तुम इस गली में आने वाले हो।
मैं- देखते हैं। अभी नीला को सिखाना है।
इतना कहकर हम टीवी को ध्यान से देखने लगे। इधर डोना ने दोनों के लौड़ों को टनाटन कर दिया। उसने उस्मान को लिटाया और धीरे उलटे बैठ कर लौड़े को गाण्ड में घुसवाया और कमरे में लगी रॉड को पकड़ कर ऊपर नीचे होते हुए गाण्ड मरवाने लगी। उसके झटकों के कारण उसके नारियल जोरदार उछल रहे थे। जिन्हें राजा बाबू ने हाथों से दबा दिया..
डोना- राजा, तुम क्या करोगे ? लौड़ा दुबारा दे दो मेरे मुँह में। उसको भी कोई जगह मिले चोदने के लिए।
उसने राजा का लौड़ा जोरदार चूसना चालू किया। अब राजा, उस्मान और डोना की सिसकारियों से और चिल्लाने से कमरे में सेक्स का माहौल छा गया।
डोना- ओह माई गॉड ! आई कांट बिअर दिस ! आई वांट मोर फक ! राजा डोंट लीव मी । उस्मान ढीले मत पड़ना।
मौसी- साली ऐसी चुदाई मेरे यहाँ किसी रण्डी की नहीं हुई ! यहाँ तक कि राजू तेरी सीमा की भी नहीं। आज जल्दी धंधा बंद करके कमरे में पार्टी करते हैं.. राजू नीला को सिखा दे यह सब और दो महीने रहना है उसने यहाँ।
मैं- मौसी मैंने सोच लिया। मैं और सीमा (सुनीता) और एक हफ्ता रहते हैं।
मौसी- मैं समझ गई। तुझे डोना के नारियल चाहिएँ। और नीला को चोदना भी है। वो भी सिखाने के बहाने। साले तेरे जैसे भड़वों को मैं अच्छी तरह जानती हूँ। रहे तू और तेरी रण्डी बीवी जितना चाहे उतना ! मुझे क्या मुझे तो पैसा चाहिए। और इन रण्डियों को कस्टमर। मगर तू सम्भालना ! तेरी बीवी रण्डी बनी है तो कही यहाँ ही न रह जाए। और तुझे लौड़ा पकड़कर घर अकेले जाना पड़े। क्योंकि औरत ने एक बार पराया लौड़ा अपने मर्द के कहने पे भोसड़े में लेना शुरू किया या रण्डी बन गई फिर मुश्किल से वो आम जिंदगी में घुलमिल सकती है। वो तो चलते फिरते मर्दों के लौड़े अपने भोसड़े में घुस जाए, यही चाह रखती है। मेरी ही बात कर ! मुझे शुरू में रोज नए लौड़े चाहिएं थे, और चोदुओं की कमी नहीं। लाली लिपस्टिक लगा, अधनंगे टाईट कपड़े पहन के खड़ी हो जाओ, अपने आप चोदने चले आते हैं।
नीला- मौसी, जीजू को अपने यहाँ आई वो मालती के बारे में बताना।
मौसी- हाँ, चेन्नई से तुम जैसा एक जोड़ा आया था। दोनों को पैसों की कमी नहीं थी मगर तेरी बीवी जैसा राण्ड बनने का चस्का चढ़ा था। दस दिन का कह कर रहे, फिर उसकी बीवी मालती को रण्डीपना इतना भा गया कि जाने को तैयार ही नहीं थी। एक दिन, और एक दिन ! और कहते कहते महीना हो गया पर उसको यह सब इतना अच्छा लगा कि अपने मर्द को अकेले चले जाने को कहा। मैंने मालती को समझाया कि ऐसे मत कर ! घर संसार चला और कभी मौका मिले तो आ जाना इस कोठे के दरवाजे हमेशा खुले हैं। तब कहीं जाने को राजी हुई। कल ही उसका फोन आया था कि बहुत दिन हुए पराया लौड़ा नहीं लिया तो मैंने कहा कि मर्द के साथ आ जा 2-4 दिन के लिए, तो वो आने वाले हैं। साली वो भी आखिर आखिर में डोना के जैसे 2-2 या 3-3 कस्टमर एक साथ लेती थी। किसी भी औरत को आदत हो गई तो छूटना मुश्किल है। और हम तो इस काम के पैसे लेती हैं इसलिए रण्डी कहलाती हैं।
इतने में सुनीता कस्टमर से चुदवाकर बाहर आई। मैंने उसे मौसी ने जो कहा वो बताया तो बोली- बिल्कुल सच है, मुझे यह सब भाने लगा है। साले मूछ पे ताव देने वाले मर्द भी हमारे भोसड़े पे सब कुर्बान करने चले आते हैं.. पर मैं सिर्फ और एक हफ्ता रुकूँगी, फिर तुम्हें यहाँ रहना है तो रहो मुझे ट्रेन में बिठा देना।
यह सुनकर मुझे शांति हुई।
इस बीच डोना ने अपने कस्टमर के साथ दूसरा राउंड ख़त्म किया और तीसरे राउंड के लिए राजा और उस्मान को तैयार कर रही थी। लगता था सारी कसर एक ही झटके में पूरी करना चाहती थी। अब साली ने उस्मान का लौड़ा गाण्ड में और राजा का लौड़ा भोसड़े में लेकर दोनों से चुदवाना चालू किया। इतने एसी से ठन्डे हुए कमरे में भी तीनों जन पसीने से लथपथ हो गए थे। मगर कोई भी हार नहीं मान रहा था।
और आखरी राउंड में तो थोड़ा-थोड़ा करके कामशास्त्र के सारे दाँव आजमा लिए।
यह देख कर नीला बोली- साली के पास सीखना पड़ेगा। इसने तो जूली को ही पीछे छोड़ दिया? साली जूली को तगड़ा कमीशन मिलेगा।
मैं- क्यों? वो क्यों?
मौसी- डोना को जूली लाई ना ! इसलिए कमीशन उसको। मैं सबको इस तरह कमीशन देती हूँ। तुझे कमीशन के बदले इन रण्डियों को मुफ्त में चोदने देती हूँ।
मैं- वो तो मैं इनके लिए कस्टमर लाता हूँ इसके लिए। फिर मेरी बीवी का कमीशन?
मौसी- चल अब नाराज मत हो जाने के वक्त दे दूँगी।
रात होते ही सब सोने चले गए क्योंकि डोना ने रात भर के लिए सौदा बढ़ा दिया। अबकी बार पैसे राजा ने दिए। डोना अधनंगी हालत में बाहर आकर मौसी को पैसे दे गई। नीला की आँखें चार हो गई।
नीला- जीजू, मुझे भी कमाना है और मस्ती करनी है। इसलिए तुम एक हफ्ता और रुकने वाले हो तो मेरे लिए भी ऐसा कस्टमर ढूँढो न और आज की रात मेरी सेक्स की पढ़ाई शुरू करो।
उस रात मैंने नीला को चुदने के दाँव सिखाए और कहा- सिर्फ मालदार आसामी के साथ ही ऐसे दाँव खेलना, बाकी ग्राहकों को 1/2 घंटे में चोद के भगा देना है।
आखिर में हम दोनों मिंया बीवी का रण्डी और भड़वा बनने का शौक इस तरह पूरा हुआ। एक हफ्ता ख़त्म हो गया इस बीच मैंने नीला के लिए तगड़े कस्टमर ला दिए और उसकी भी टॉप की रण्डियों में मौसी के यहाँ गिनती होने लगी। वो भी हफ्ते में न न करते 10,000 रुपे कमा लेने लगी। उसने भी बदले मुझसे मस्त तरीके चुदवाया।
मौसी ने सब रण्डियों को कमरे में बिठाया और डीवीडी चालू किया और:
मौसी- देखो, सब कैसे कस्टमर से ख़ुशी ख़ुशी चुद रही है। और राजू भी कैसे चोद रहा है नीला को।
मैं- यह तुमने कब किया? अरे इसको नेट पे मत डालो लफड़ा हो जाएगा..
मौसी- चुप रे बे साले ! ऐसा नहीं करूंगी नहीं तो मेरे कोठे पे रण्डी बनने आने वाली औरतों का भरोसा उठ जाएगा। राजू, तुम्हारी बीवी के लिए यह भेंट है।
उस सीडी में पहले जाहिदा की, फिर जूली की, सुशी की, फिर मैं खुद मौसी को चोद रहा था उसकी, रानी की और आखिर में डोना की पहली दो कस्टमर से हुई चुदाई और आखरी में मेरे साथ हुई चुदाई की वीडियो थी। मौसी ने सुनीता की अलग डीवीडी बनाई थी जिसमें सुनीता एक एक करके कस्टमर को अन्दर ले जाती है और चुदवाकर बाहर भेज देती ! सब लाइन में बैठे दिखाई देते हैं। उस दिन उसने हद कर दी, चड्डी पहनी ही नहीं। चोद कर जाने वाले कटमर को कहती थी कि अगले कस्टमर को अन्दर भेज दे।
आखिर में नंगी ही बाहर आई, पानी पिया और
सुनीता- तुम दोनों बचे हो ! बोलो, दोनों एक साथ चोदोगे?
वो दोनों तैयार हो गए ! उसने दो कस्टमर एक साथ लिए एक से गाण्ड मरवाती तो दूसरे से चुदवाती थी।
मैं- मौसी, मैंने कहा था न कि सीमा की फ़िक्र मत कर, सब कस्टमर निपटा देगी।
मौसी- साली ऐसी राण्ड तू पहले होगी जिसने 2 घंटे में 10 को चढ़वाया हो। तू गए जन्म राण्ड ही होगी और चुदवाते चुदवाते मर गई होगी।
सुनीता- हो सकता है। मगर मैंने किसी कस्टमर को नाराज नहीं किया और सबको बोल दिया यहाँ से मैं गई तो क्या हुआ और नई आएगी और बाकी रण्डियाँ तो है। कल्पना, मैं तेरी कर्जदार हूँ जो तुने मेरी यहाँ खातिरदारी की और लोगों की चहेती राण्ड बनने में साथ दिया।
मौसी- मेरा शुक्र अदा मत कर। यह तो तेरे समझदार राजू के कारण यह मौका मिला वर्ना तुझे यह सब चोरी छुपे करना पड़ता और फिर न जाने क्या होता?
मैं- मौसी, मैंने कंपनी का बहुत सामान बेचा है, मैं बहुत जाना माना सेल्स एग्जिक्यूटिव हूँ पर रण्डियाँ बेचने का और उनको मुफ्त में चोदने का मौका तेरे कारण मिला। मेरी और मेरे बीवी की तमन्ना पूरी हुई। अगर कभी इच्छा हुई तो फोन करके आ जायेंगे।
आखरी दिन मौसी के कोठे की सभी रण्डियाँ नीला, सुशी, जाहिदा, रानी, जूली, डोना और मौसी ने हमें विदा किया, सब एक दूसरे के गले मिली। हम दिल्ली स्टेशन के लिए निकल पड़े। सुनीता को बुरका पहनाया था ताकि कोई पहचाने ना। हमने दिल्ली देखी और आज ही लौट रहे हैं।
इतना कहकर सुजीत बोला- जानते हो ? डोना मुझे घास नहीं डाल रही थी। फिर आने के चार घंटे पहले मैंने डोना के लिए भी मालदार ग्राहक लाकर दिया तो बदले में उसकी भी चुदाई की। साली की छाती पर मैं क्या कोई भी कुर्बान हो जाएगा, वैसी थी। मेरे लौड़े की वो बहुत आशिक हो गई थी। पर मैं वहाँ के मायाजाल से छूटना चाहता था। औरत एक समंदर है उसमें आदमी ज्यादा तैर नहीं सकता। उसके भोसड़े में चाहे जितना पानी डालो, वो प्यासा ही रहता है। फिर भी डोना तो साली क्रीम बिस्किट के जैसे थी। साली की दो टाँगों के बीच में जादू है।
तो हरेश जी कैसे लगी?
मैं- सच नहीं लगता ! आपकी बीवी तो सुशील दिखाई देती है।
इतने में सुनीता सुजीत को हटाकर मेरे बगल में बैठ गई। आखरी स्टेशन अहमदाबाद था और आने में सिर्फ 10 मिनट की देर थी। उसने अपनी पर्स में से चार फोटो निकाले। एक में वो तंग कपड़ों में रण्डी के लिबास में ग्राहकों की राह देख खड़ी थी, दूसरे फोटो में वो एक के गले में हाथ डालकर नंगी खड़ी थी, तीसरे में वो और बाकी रण्डियाँ नंगी खड़ी थी।
उसने सबके नाम बताये और आखरी फोटो में डोना नंगी थी। सच में फोटो में भी डोना के नरियल बड़े बेताब कर रहे थे। फोटो देखकर मुझे यह कहानी सच लगने लगी।
उतने में सुनीता ने मेरे लौड़े हो छुआ और बोली- सुजीत, इस भड़वे के लौड़े ने मान लिया कि हमारी कहानी सच है। मैं तो चाहती हूँ कि इसके लौड़े को मैं ले लूँ ! टनाटन हो गया है। इधर अहमदाबाद में स्टेशन के पास बहुत होटल हैं। यह भड़वा चोदेगा और मज़ा करेगा तो होटल का भाड़ा भी भरेगा और हमें खाना भी खिलायेगा पैसे नहीं लूंगी इस भड़वे से !
मैं मन ही मन सोचने लगा कि सुनीता के दिमाग से रण्डी बनने का भूत उतरा क्यों नहीं था। साली को ट्रेन में मौका मिलता तो धंधा कर लेती। उसके कोठे वाली मौसी ने जो कहा था वो सोलह आने सच था- बिना मेहनत जांघें फैलाकर लौड़े लेकर पैसे कमाने की आदत हो गई तो फिर छूटना मुश्किल।
क्या मैं सच कहता हूँ या झूठ? इसके बारे में पराये लौड़े को लेने वाली औरत और उसके पास चोदने जाने वाले मर्द जरूर बता पायेंगे।
सुजीत- सुनीता रण्डी बनने का तुम्हारा शौक पूरा नहीं हुआ क्या?
सुनीता- नहीं रे (मेरे लौड़े को दबाते हुए) इस लौड़े को देखकर और इसे सेक्सी किताब पढ़ते हुए देखकर मन कर रहा है। बस ये एक आखरी बार। फिर कभी नहीं।
मैंने सुजीत से पूछा- दिन कैसे शुरू होता था?
सुजीत- सुबह होते ही रात वाले ग्राहक चले जाते थे फिर रण्डियाँ थोड़ा आराम कर लेती, नहा-धोकर जाहिदा, रानी नमाज पढ़ती थी, सीमा, मैं, मौसी, नीला और सुनीता पूजा-पाठ करती, जूली, सुशी, मोमबत्ती जलाकर जीजस के फोटो के सामने प्रार्थना करती थी। आखिर में डोना उनके साथ जुड़ गई। फिर अपनी कमाई गिनने बैठ जाती। मौसी को उसका हिस्सा देकर बाकी अपने कमरे में पेटी में रख देती। सुनीता के पैसे मैं सम्भालता था।
सुजीत- सुनीता, तुम्हें पहले-पहले कैसा लगा था?
सुनीता- वैसे जाहिदा ने सब सिखा दिया था, पर मैं डर गई थी। फिर अचानक मुझे जाहिदा ने सिखाया था कि डर लगे तो कस्टमर के पास देख कि पैसा खर्चने वाला है। ठीक लगा तो उसको बाहों में लेकर चूम और आस्ते से लौड़ा दबा दो। ऐसा ही किया और डर गायब और ग्राहक चोदने के लिए तैयार।
सुजीत- हाँ, मैंने मौसी के कमरे में लगे टीवी पर देखा। मौसी भी खुश हुई थी।
बातें करते करते हम तीनों होटल पहुँच गए और पूरे दिन के लिए होटल का कमरा बुक किया। मैंने सुनीता को जम के चोदा और सुजीत ने जम के सुनीता की गाण्ड मारी क्योंकि सुजीत को कोठे पर सुनीता की गाण्ड मारने का मौका नहीं मिला था। सुनीता का कस्टमर से चुदवाने में समय चला जाता था और मौसी ने दोनों को एक दूसरे से दूर रहने को भी कहा था।
मैंने और सुजीत ने एक ही व़क्त पर सुनीता को आगे से और पीछे से चोदा। जब सुजीत भोसड़े में डालता था तब मैं सुनीता की गाण्ड में डालता था, वैसे मैं सुनीता के भोसड़े में लौड़ा डालता तब सुजीत उसकी गाण्ड मारता।
सुजीत- यार सही में बहुत सकून मिलता है गाण्ड मारने में !
मैं- तो फिर एक बार मरवा के भी देखो। सारे अरमान पूरे हो जाएंगे।
मैंने उसको घोड़ा बनने कहा और उसकी गाण्ड थूक लगा कर चिकनी की और हल्का झटका देते हुए डाल दिया लौड़ा उसकी गाण्ड में !
सुजीत- धीरे ! कितना कड़क है रे?
सुनीता- सुजीत, फ़िक्र मत करो, पहली बार गाण्ड में लौड़ा लेते वक्त तकलीफ होती है ! एक बार अन्दर चला गया फिर आसमान की सैर करने का मज़ा आयेगा। जब मैंने राजा बाबू से गाण्ड मरवाई तब ऐसे ही हुआ था अब तो उसके बगैर नहीं चलता। मैंने कोठे पे 10 दिन में नब्बे से चुदवाया उसमें मेरे ख़ास तीस कस्टमर से जमकर गाण्ड मरवाई।
फिर क्या था सुजीत ने मुझसे गाण्ड भी मरवाई और मेरी भी गाण्ड जम के मारी। दोनों ने मुझे इतना मजबूर किया कि एक महीने तक मैं सेक्स के बारे में सोचता भी नहीं था। हाथ पैर दुखते थे, अपनी बीवी को भी चोदने से डरता था। फिर हम चेक आउट करके स्टेशन गए जहाँ सुजीत और सुनीता ने आखरी बार के लिए टाटा बाई बाई किया और कहा- जैसे घर पहुँचूंगी और दहलीज पर कदम रखूँगी रण्डी से गृहिणी बन जाऊँगी।
दोनों ने अपने पीछे कोई एड्रेस नहीं छोड़ा वर्ना उस राण्ड को उसके शहर में जाकर जरूर चोद लेता और सुजीत की गाण्ड मार लेता।
मगर सुजीत ने मेरा फोन नंबर लिया था तो कल ही बताया कि वो अमरीका चला गाया है बड़ी कंपनी में काम करता है बीवी गृहिणी है और सुजीत के बच्चे की माँ बनने वाली है।
सुजीत- हरेश कैसे हो? पहचाना? ट्रेन वाला किस्सा याद है? मुझे मेरी ऑफिस ने अमेरिका कि जिम्मेदारी दे दी और घर, गाड़ी दी है.. लो सुनीता से बात करो !
सुनीता- क्यों हरेश? कैसे हो? मेरे जैसी कोई मिली या नहीं?
मैं- नहीं, साली तू तो ऐसी राण्ड है मलाई है मलाई। तुझे राण्ड बुलाया तो बुरा लगा क्या?
सुनीता- नहीं रे ! मैं उस समय रण्डी ही थी और तेरे साथ भी राण्ड बाजी की ना ! मेरे बचपन की तमन्ना पूरी हुई। मुझे सारे लौड़े याद हैं कोई छोटा, कोई बड़ा, कोई पतला, कोई काला तो कोई लम्बा। मगर एक कस्टमर का टेढ़ा लौड़ा बहुत भा गया था मैंने उसे चोदने के पहले चिड़ाया कि वो क्या टेढ़ा होकर चोदेगा? तो उसने हंसकर कहा था- लौड़ा अन्दर ले सब पता चल जाएगा !
साले ने पूरे पैसे वसूलकर लिए। मुझे पसीना ला दिया.. कोई कोई तो अन्दर डालने के पहले छूट जाता था। मगर मैं उनको दुबारा तैयार कराती और चोदने का पूरा मज़ा देती। इस बात के कारण एक कस्टमर दो दिन समय निकालकर चोदने आता था और साथ में नाश्ता जूस ले आया था। याद करेंगे साले कि ऐसी दिल वाली रण्डी भी हो सकती है। एक गम रहेगा कि जो मस्ती कल्पना मौसी ने मेरे साथ की, वैसा मज़ा मैं डोना के साथ न कर सकी। अब सब बंद हो गया ! मौका मिलेगा तो एकाध दिन के लिए कल्पना के कोठे पर मिल आऊँगी और सुजीत ने इज़ाज़त दी तो दुबारा 2-3 दिन रण्डी बनूँगी। सच है कि एक बार पराया लौड़ा भोसड़े में घुसा और वो भी मर्द की इजाजत से फिर इच्छा बढ़ जाती है। मेरे बारे में जरूर लिखना ताकि मेरे जैसी कोई हो तो बिना बताये अनजाने शहर में कोठे पे रण्डी बाजी कर ले। मुंबई, दिल्ली में ऐसे बहुत कोठे हैं जहाँ अपनी पहचान छुपाते हुए बहुत सारी औरतें शौक से रण्डी बन जाती हैं। चलो अब सुजीत को काम पर जाना है। बाय !
इतना कहकर उसने फोन बंद कर दिया और मेरा लौड़ा तनक गया, तुरंत बीवी को मनाया और जम के चोद लिया।

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